पालतू गाय बैल बछड़ों के जीवन में लगा संक्रामक बीमारी का ग्रहण- विभाग मौन - The Tahkikat News

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बुधवार, 2 सितंबर 2020

पालतू गाय बैल बछड़ों के जीवन में लगा संक्रामक बीमारी का ग्रहण- विभाग मौन



 तहकीकात न्यूज  @ दिनेश बारी . लखनपुर

 विकासखंड अंतर्गत कई ग्रामों  के पालतू गाय बैल बछड़ों में संक्रामक बीमारी का प्रकोप बढ़ता जारहीहै संक्रमित बीमारी के चपेट में बेजुबान जानवर फंसते जा रहे हैं क्षेत्र में फैले संक्रामक बीमारी ने पशु पालकों को हैरत में डाल दिया है आरंभिक दौर में पालतू गाय बैल बछड़ों के शरीर में सूजन तपेदिक चकत्ते नाक मुंह से पानी का गिरना बीमारी का शुरुआती लक्षण था परंतु अब मवेशियों के शरीर में  भयानक बड़े बड़े रिस्ते घाव नजर आने लगे हैं प्रभावित गांव के बेजुबान जानवर खाना पानी छोड़ मौत की दहलीज पर खड़े संक्रामक बीमारी  मैं  उलझे संघर्ष करते दिखाई देने लगे हैं पशुपालक भी मवेशियों में इस तरह के भयानक संक्रामक बीमारी का प्रकोप देख हैरान परेशान हैं महीनों पूर्व से संक्रामक बीमारी के चपेट में जीवन के लिए जद्दोजहद करते गाय बैल बछड़ों में होने वाले संक्रामक बीमारी  के बारे में जानकारी होने के बाद भी पशु विभाग चुप्पी साधे हुए हैं फर्ज को अंजाम देने के दावे के साथ कमोबेश इलाज के नाम पर महज खानापूर्ति करते विभागीय कर्मचारी दिखावे की आड़ में अपना दामन बचाते नजर आ रहे हैं दर हकीकत संक्रामक बीमारी को समझने एवं इलाज के लिए इनके पास ना कोई गाइडलाइन  है और ना ही कोई माकूल इलाज के लिए तजुर्बा  लिहाजा संभावित इलाज करने मजबूर हैं संक्रमित बीमारी के ठीक होने का दावा मात्र किया जा रहा है सूत्रों से पता चला है कि शासन प्रशासन पालतू मवेशियों  मैं होने वाली संक्रामक बीमारी के रोकथाम लिए कारगर टीका पशु चिकित्सालय में उपलब्ध कराने पर पहल कर रही है परंतु खौफनाक तरीके से वृहद पैमाने में  फैलते जा रहे संक्रामक बीमारी के रोकथाम के लिए अब तक पशु चिकित्सालय को उपलब्ध कराए जाने वाला टीका प्राप्त नहीं हो सका है पशुओं में बीमारी तेजी से फैलता जा रहा है.



 पशु विभाग मौन साधे तमाशबीन बनकर इस    फैलने वाले  महामारी का तमाशा देख रहा है काबिले गौर है कि लखनपुर पशु चिकित्सालय  दो प्रभारी डॉक्टर पदस्थ हैं जिन के   हवाले से  ढोर अस्पताल का कार्य संचालित हो रहा है बाद इस के दोनों डॉक्टरों में से कोई एक महीने में कभी कभार प्रकट होकर दर्शन दे जाते हैं  अधिकतर दिनों पशु  चिकित्सालय से अंतर्ध्यान रहते हैं मात्र  2 सहायक पशु चिकित्सक  के भरोसे चिकित्सालय का कार्य निष्पादन हो रहा है क्षेत्र के पशुपालकों ने पशु चिकित्सालय तथा क्षेत्र में फैले संक्रामक बीमारी के पहलुओं को गौर करने एवं व्यवस्था सुधार किए जाने की मांग शासन प्रशासन से किया है।

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