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सोमवार, 28 सितंबर 2020

कोरोना से डॉक्टर की मौत के बाद, जिले के स्वास्थ्य विभाग के मुखिया ने पहचानने से किया इनकार

 


तहकीकात न्यूज  @  वेब डेस्क . बैकुन्ठपुर

कोरिया जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था इन दिनों वेंटिलेटर पर नजर आ रही है। जहां पर अब जिले के स्वास्थ्य महकमे में बड़ी सर्जरी की आवश्यकता महसूस की जा रही है। बेहद ही दुखद घटना में गत 24 सितंबर को बचरापोड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टर डी एस सिकरवार की मौत कोरोना पॉजिटिव होने के बाद अपोलो बिलासपुर में से हो गई थी। इस दौरान कोरोना कॉल में स्वास्थ्य कर्मियों शासन द्धारा बीमा सुरक्षा कवच के लिए मंत्रालय से जब इस आशय का पत्र जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में आया । जिसके जवाब में बेहद ही निंदनीय और शर्मसार कर देने वाले पत्र में जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रामेश्वर शर्मा के द्वारा शासन को दिये जवाब में कहा गया है कि डॉ डी एस सिकरवार की ड्यूटी कोरोना काल में लगाई ही नहीं गई और उनकी मौत कोरोना से नहीं हुई है। पत्र में उन्होने कहा है कि मृतक डॉ डी एस सिकरवार की मौत का कारण लिवर सिरोसिस एवं नसों के अंदर बीपी का बढ़ने के कारण हुई । गौरतलब हो कि जिस दिन डॉक्टर सिकरवार की तबीयत खराब होने के उपरांत उन्हें अपोलो रिफर किया गया । गत 24 सितम्बर को ही तारीख को डॉक्टर सिकरवार की कोरोना जांच जिले में कराई गई थी । जिसमें शाम तक जब रिपोर्ट आई तो उनकी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी जिसकी पुष्टि कोरिया जिले के खंडगवा ब्लॉक के बीएमओे ने कर दी है। इसके बावजूद भी जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बड़ी ही गैर मानवीय वक्तव्य में हमसे बातचीत के दौरान स्पष्ट कहा कि उनकी ना तो कोरोना में ड्यूटी लगाई गई थी और ना ही उनका मौत कोरोना से हुई । वहीं पर इस संबंध में जब हमने जिले के कलेक्टर एन एन राठौर से बात की तो उनका भी रवैया मामले को लेकर ढीला ढाला ही नजर आया । उन्होंने कहा कि आपके सारे सवालों का जवाब जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ही दे सकते हैं । इस दौरान हमने कोरिया कलेक्टर से ही स्पष्ट पूछा कि जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की इस तरीके से जिले के डॉक्टर जिन्होंने विगत 7 महीने से छुट्टी नहीं ली और कोरोना काल में बढ़-चढ़कर विभाग को अपना सहयोग व सेवाए प्रदान किया उनके प्रति इस तरीके का गैरमानवीय रवैया सिर्फ इसलिए कि उन्हें बीमा राशि ना मिल पाए समझ से परे है। वहीं पर इस संबंध में जिले के जिला आयुर्वेद अधिकारी से जब हमने बात की तो उन्होंने भी साफ कहा कि इस तरह के का रवैया जिले के स्वास्थ्य कर्मियों को हतोत्साहित कर रहा है। इस दौरान कल किसी के साथ भी कोई भी अनहोनी घटना हो सकती है और अपना ही विभाग यदि इस तरीके से अपने लोगों के साथ व्यवहार करेगा तो फिर आगे कोरोना काल में स्वास्थ्य कर्मी अपनी सेवाएं देने के लिए सोचना पड़ेगा।




सीएचएमओ के 4 अप्रैल को राज्य शासन को दिये पत्र में मृतक डॉ का नाम था शामिल 

4 अप्रैल 20 को संचालक स्वास्थ्य शिवाय रायपुर को कोविड-19 की रोकथाम में कार्यरत अधिकारियों कर्मचारियों की जानकारी के संबंध में अवगत कराते हुए अपने पत्र में कोरिया जिले के मुख्य चिकित्सा में स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रमेश्वर शर्मा ने जो जानकारी दी है। संचालक स्वास्थ्य सेवाऐ  को दी गई सूची में डॉ डी एस सिकरवार का क्रमांक 131 पर नाम दर्ज था। उसके बाद भी उन्हे जिले के कोरोना वारियर्स के तैर पर सम्मानित किया गया था। बड़ी अजीब विडंबना है आज उसी डाॅ को जिले को मौत के बाद उनका ही महकमा पहचानने से इंकार कर रहा है।


वर्जन.........


डॉ डी एस सिकरवार की ड्यूटी कोरोना काल में लगाई ही नहीं गई और उनकी मौत कोरोना से नहीं हुई है।

डॉ रामेश्वर शर्मा - मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी , कोरिया


आपके सारे सवालों का जवाब जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ही दे सकते हैं ।

एन एन राठौर - कलेक्टर, कोरिया 


इस तरह के का रवैया जिले के स्वास्थ्य कर्मियों को हतोत्साहित कर रहा है। इस दौरान कल किसी के साथ भी कोई भी अनहोनी घटना हो सकती है और अपना ही विभाग यदि इस तरीके से अपने लोगों के साथ व्यवहार करेगा तो फिर आगे कोरोना काल में स्वास्थ्य कर्मी अपनी सेवाएं देने के लिए सोचना पड़ेगा।

आर एन मिश्रा - जिला आयुर्वेद अधिकारी, कोरिया


डाॅ डी एस सिकरवार की कोरोना टेस्ट काराई थी जिसमें उनकी रिर्पोट पाजेटिव पाई गई थी।

डाॅ. एस कूजूर - बीएमओ, खडगवा, कोरिया

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