तहकीकात
न्यूज @ वेब डेस्क . बैकुन्ठपुर
कोरोना काल में प्रदेश सरकार समेत जिला प्रशासन के सामने दोहरा संकट खड़ा हो गया है। एक ओर जब संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, ऐसे में प्रदेश के 13 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मियों सहित कोरिया जिले के 330 स्वास्थ्य कर्मियो ने शनिवार से हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है। इनमें डॉक्टर, नर्स, लैब टेक्नीशियन समेत अन्य कर्मचारी शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपील करते हुए कहा है कि कोरोना संकट के समय संवेदनशीलता दिखाएं।
कोरोना संकट के बीच छत्तीसगढ़ के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। इनमें डॉक्टर, नर्स, लैब टेक्नीशियन समेत अन्य कर्मचारी शामिल हैं। कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया है इस दौरान आज काम काज पर असर न होने का दावा किया किन्तु वही एनआरएचएम कर्मियों के हड़ताल का असर जिला अस्पताल में साफ देखने को मिला। जहां पर मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ सुविधा और इलाज समय पर ना मिलने की शिकायत होती रही । तो जब इस संबंध में हमने जिला अस्पताल के अस्पताल अधीक्षक डॉ सुनील गुप्ता से बात की तो उनका कहना था कि स्वास्थ सुविधा पर इसका बहुत ही विशेष असर नहीं पड़ा है किंतु जब उनसे यह पूछा गया कि आपने इससे निपटने के लिए क्या तैयारी की है तो उन्होंने साफ कहा कि हम तुरंत नए स्वास्थ्य कर्मी कहां से लाएं। वहीं पर इस संबंध में जब हमने जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रामेश्वर शर्मा से बात की तो वह मीटिंग में हूं कहकर सवालों से कन्नी काट गए।
जेल जा सकते हैं कर्मचारी
कर्मचारी संघ की ओर से कहा गया कि 15 सालों से सभी छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने में लगे हैं। बावजूद हमारा नियमितीकरण नहीं किया गया। इसको लेकर बार-बार मांग करते रहे। वर्तमान सरकार ने भी अपने घोषणा-पत्र में इसे शामिल किया था, लेकिन कोई सकारात्मक रूख अभी तक नहीं दिखाई दिया है। संघ का कहना है कि अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर 13 हजार स्वास्थ्य संविदा कर्मचारियों एनएचएम, सीजीएसएसीएस, आरबीएसके, आरएनटीसीपी, एनसीडी, एनवीबीडीसीपी, एनओएचपी के नियमितिकरण के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं। हमें पता है कि एस्मा लगा है, लेकिन हम कार्रवाई के लिए तैयार हैं। वही पर आ रही खबरो की माने तो प्रदेश सरकार कर्मचारियो को एस्मा लगा होने के कारण जेल भी जाना पड सकता है।
स्वास्थ्य मंत्री की अपील को संध ने किया अनसूना
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम लोगों ने भी घोषणा पत्र में छत्तीसगढ़ के सभी विभागों में काम करने वाले दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, संविदा कर्मचारियों के संबंध में उल्लेख किया है और उस बात को छोड़ा नहीं है। यह समय नहीं है लोगों के स्वास्थ्य और लोगों की जान से हम एक तरह से समझौता करें, उनकी तकलीफों को इतना बढ़ाएं कि हमारे प्रति उनकी संवेदना ना रह जाए। यह समय नहीं है इस प्रकार के निर्णय को क्रियान्वित करने का। स्ट्राइक पर जाने के लिए आपने जो विचार किया है, कृपया उसे अभी स्थगित करें। यह कोविड का समय निकल जाए, बातचीत समाप्त नहीं होती, चर्चाएं आगे भी कभी भी हो सकती हैं। इस प्रकार से कोविड के समय ऐसा निर्णय लेकर हम अपनी बात को रखना चाहेंगे। अपनी बातें रखें उसमें कोई हर्ज नहीं है लेकिन तरीका ऐसा होना चाहिए और समय ऐसा होना चाहिए की बातों को रखना भी जायज लगे।


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