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@ दिनेश बारी . लखनपुर
हजरत इमाम हसन हुसैन की शहादत की याद में मनाए जाने जाने वाला मातमी पर्व मुहर्रम के अंतिम पहलाम के रोज स्थानीय मुस्लिम संप्रदाय के लोगों ने इमामबाड़ा से जुलूस के साथ ताजिया निकाला साथ ही दुल्ला बाबा की सवारी भी निकाली गई जुलूस का काफिला कदमी चौक से पैलेस मार्ग स्थित मस्जिद होते हुए राज महल के सामने पहुंचा रियासत कालीन परंपरा अनुसार लखनपुर राज परिवार प्रमुख लाल अजीत प्रताप सिंह देव तथा युवराज अमित सिंह देव ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ताजिया एवं दुल्ला बाबा सवारी का स्वागत बा कायदे गुलाब जल एवं फूल मालाओं से किया । करो ना काल में बनाए गए नियम के मद्देनजर जुलूस में अपेक्षाकृत मुस्लिम संप्रदाय के लोगों की भीड़भाड़ कम रही कौम के लोगों ने सामाजिक दूरी के नियम का पालन करते हुए सादगी ढंग से बाजार पारा मोहल्ला होते हुए नगर के शिवपुर वार्ड में स्थित कर्बला पहुंच फितेहा पढ़कर ताजिया का विसर्जन एवं दुल्ला बाबा के सवारी को ठंडा किया मुस्लिम कौम के लोगों की माने तो मुहर्रम को इस्लामी साल का पहला महीना माना जाता है हिजरी सन की शुरुआत इसी महीने से होती है मुहर्रम से मुतालिक कई प्रचलित किंवदन्तियां जुड़ी हुई है बताया जाता है कि मोहर्रम के महीने में ही मोहम्मद ए मुस्तफा के नवासे हजरत इमाम हुसैन कर्बला में शहीद हुए थे इमाम हुसैन के साथ जो लोग कर्बला में शहीद हुए थे उनकी आत्मा की शांति के लिए मोहर्रम का मातमी पर्व मुस्लिम संप्रदाय के लोगों द्वारा पूरे अकीदत के साथ मनाया जाता है । बहर हाल नगर लखनपुर में सादगी एवं शांति प्रिय ढंग से मोहर्रम का मातमी पर्व मनाया गया ।


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