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सोमवार, 14 दिसंबर 2020

डायलिसिस मशीन से प्रथम मरीज का सफलतापूर्वक उपचार ....... जिले में डायलिसिस यूनिट की सुविधा का मिल रहा लाभ



तहकीकात न्यूज  @  वेब डेस्क . बैकुन्ठपुर

गत 2 दिसंबर को स्थानीय विधायक और संसदीय सचिव अम्बिका सिंहदेव के करकमलो से कलेक्टर कोरिया श्री सत्यनारायण की उपस्थिती में जिला चिकित्सालयमें लोकार्पित हुए डायलिसिस मशीन का लाभ जिले के निवासियो को मिलने लगा। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओ के विस्तार का लेकर स्थानीय जनसमुदाय में हर्ष है।  

सीएमएचओ डां रामेश्वर शर्मा ने बताया,” लंबे इंतजार के बाद जिले में डायलिसिस मशीन से प्रथम मरीज का सफलतापूर्वक डायलिसिस संपन्न हुआ। जिला अस्पताल में डायलिसिस यूनिट की शुरुआत हो गई हैै। जिले में डायलिसिस यूनिट की सुविधा मिलने के बाद अब मरीजों का किडनी से संबंधित बीमारी के इलाज के लिए डायलिसिस करने के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नही है।“

प्रशिक्षित टैक्निशियन श्सुमन द्वारा चिकित्सक दल  की देखरेख में  जिले में डायलिसिस की सुविधा  मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। वही मशीन ऑपरेट करने वाले टेक्नीशियन श्री सुमन  ने बताया,” किडनी संबंधी रोगियों को बड़ी राहत मिलने लगी है डायलिसिस के लिए अस्पताल स्टाफ को प्रशिक्षण भी दिया गया है। जिला अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा नहीं होने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता था जिससे अब मरीजो को राहत मिलेगी।“

चिरमिरी निवासी प्रथम उपचारित मरीज ने बताया,” इससे पूर्व वह डायलिसिस कराने  बनारस जाते थे अब जिले में ही डायलिसिस सुविधा होने से जिले के बाहर जाने से उनको मुक्ति मिल गई है। “

जाने क्या है डायलिसिस

जब दोनों किडनी कार्य नहीं कर रही हों, उस स्थिति में किडनी का कार्य कृत्रिम विधि से करने की पध्दति को डायालिसिस कहते हैं। डायलिसिस एक प्रक्रिया है जो किडनी की खराबी के कारण शरीर में एकत्रित अपशिष्ट उत्पादों और अतिरिक्त पानी को कृत्रिम रूप से बाहर निकालता है। संपूर्ण किडनी फेल्योर या एण्ड स्टेज किडनी डिजीज या एक्यूट किडनी इंज्यूरी के मरीजों के लिए डायलिसिस एक जीवन रक्षक तकनीक है।

कब पडती है डायालिसिस की जरूरत

जब किडनी की कार्य क्षमता 80-90% तक घट जाती है तो यह स्थिति एण्ड स्टेज किडनी डिजीज की होती है। इसमें अपशिष्ट उत्पाद और द्रव शरीर से बाहर नहीं निकल पाते हैं। विषाक्त पदार्थ जैसे - क्रीएटिनिन और अन्य नाइट्रोजन अपशिष्ट उत्पादों के रूप में शरीर में जमा होने से मतली उल्टी, थकान सूजन और सांस फूलने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इन्हें सामूहिक रूप से यूरीमिया कहते हैं। ऐसे समय में सामान्य चिकित्सा प्रबंधन अपर्याप्त हो जाता है और मरीज को डायलिसिस शुरू करने की आवश्यकता होती है। डायालिसिस किडनी के कार्य का कृतिम विकल्प है।

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