अब नही ताकना होगा महानगरो का मुहॅ जिला अस्पताल में षुरु हुई डायलिसिस - The Tahkikat News

Latest

खबर हर कीमत पर

मंगलवार, 15 दिसंबर 2020

अब नही ताकना होगा महानगरो का मुहॅ जिला अस्पताल में षुरु हुई डायलिसिस

 


तहकीकात न्यूज  @  वेब डेस्क . बैकुन्ठपुर

जिला अस्पताल बैकुन्ठपुर में सोमवार से डायलिसिस की सुविधा प्रारम्भ हो गई है। अब मरीजों को महानगरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। डायलिसिस की सुविधा प्रारम्भ होते ही किडनी की बीमारी से पीडित दो मरीजों ने अपना डायलिसिस करवाया। सीएमएचओ, सिविल सर्जन, नगर पालिका उपाध्यक्ष, पार्षद समेत अन्य लोगों की उपस्थिति में डायलिसिस यूनिट कक्ष में सर्वप्रथम पूजन-पाठ कर मरीजों का डायलिसिस किया गया। प्रशिक्षित टैक्निशियन श्री सुमन द्वारा चिकित्सक दल  की देखरेख में  जिले में डायलिसिस की सुविधा  मरीजों के लिए फायदेमंद साबित होगी। वही मशीन ऑपरेट करने वाले टेक्नीशियन श्री सुमन  ने बताया किडनी संबंधी रोगियों को बड़ी राहत मिलने लगी है डायलिसिस के लिए अस्पताल स्टाफ को प्रशिक्षण भी दिया गया है।


पहले दिन 1 मरीजों का हुआ डायलिसिस


जिला अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा नहीं होने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता था जिससे अब मरीजो को राहत मिलेगी। डायलिसिस इंचार्ज ने बताया कि वहले दिन चिरमिरी निवासी प्रथम उपचारित मरीज का डायलिसिस किया गया। इससे पूर्व वह डायलिसिस कराने  बनारस जाते थे अब जिले में ही डायलिसिस सुविधा होने से जिले के बाहर जाने से उनको मुक्ति मिल गई है। 


अब तक एक भी मरीजों का हुआ नही हुआ रजिस्ट्रेशन


अभी तक जिले के किसी भी शासकीय अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा नहीं थी। मरीजों को जिले के निजी अस्पताल में या फिर अन्य षहरो में जाकर डायलिसिस कराना पड़ता था। इससे मरीज को डायलिसिस चार्ज के अतिरिक्त किट चार्ज देना पड़ता था और समय भी ज्यादा लगता था। जिला अस्पताल में डायलिसिस कराने वाले मरीजों का रजिस्ट्रेशन कार्य जारी है वहीं प्रचार प्रसार की कमी के कारण अब एक भी मरिज का पंजीयन नही हुआ है। 


डायलिसिस की किमत अब तक तय नही


गत दिवस स्थानीय विधायक व संसदीय सचिव अम्बिका सिंहदेव के के द्धारा जिला चिकित्सालय में लोकार्पित हुआ। सीएमएचओ डां रामेश्वर शर्मा ने बताया कि लंबे इंतजार के बाद जिले में डायलिसिस मशीन से प्रथम मरीज का सफलतापूर्वक डायलिसिस संपन्न हुआ। जिला अस्पताल में डायलिसिस यूनिट की शुरुआत हो गई हैै। जिले में डायलिसिस यूनिट की सुविधा मिलने के बाद अब मरीजों का किडनी से संबंधित बीमारी के इलाज के लिए डायलिसिस करने के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नही है। जबकि मिली जानकारी डासलिसिस कराने की किमत अब तक तय नही हुआ है। 


जाने क्या है डायलिसिस


जब दोनों किडनी कार्य नहीं कर रही हों, उस स्थिति में किडनी का कार्य कृत्रिम विधि से करने की पध्दति को डायालिसिस कहते हैं। डायलिसिस एक प्रक्रिया है जो किडनी की खराबी के कारण शरीर में एकत्रित अपशिष्ट उत्पादों और अतिरिक्त पानी को कृत्रिम रूप से बाहर निकालता है। संपूर्ण किडनी फेल्योर या एण्ड स्टेज किडनी डिजीज या एक्यूट किडनी इंज्यूरी के मरीजों के लिए डायलिसिस एक जीवन रक्षक तकनीक है।


कब पडती है डायालिसिस की जरूरत


जब किडनी की कार्य क्षमता 80-90 फिसद तक घट जाती है तो यह स्थिति एण्ड स्टेज किडनी डिजीज की होती है। इसमें अपशिष्ट उत्पाद और द्रव शरीर से बाहर नहीं निकल पाते हैं। विषाक्त पदार्थ जैसे - क्रीएटिनिन और अन्य नाइट्रोजन अपशिष्ट उत्पादों के रूप में शरीर में जमा होने से मतली उल्टी, थकान सूजन और सांस फूलने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इन्हें सामूहिक रूप से यूरीमिया कहते हैं। ऐसे समय में सामान्य चिकित्सा प्रबंधन अपर्याप्त हो जाता है और मरीज को डायलिसिस शुरू करने की आवश्यकता होती है। डायालिसिस किडनी के कार्य का कृतिम विकल्प है।

कोई टिप्पणी नहीं: