तहकीकात
न्यूज @ वेब डेस्क . रायपुर
प्रदेश सरकार पर नेता प्रतिपक्ष ने कई अहम सवाल उठाते हुए बिन्दूवार जानकारी देते हुए प्रेस वार्ता कर कहा कि
1.छत्तीसगढ़ में अभी 58000 के करीब प्रकरण है जबकि उत्तराखंड,गोवा हिमाचल,अरुणाचल प्रदेश इत्यादि अनेक प्रदेश व केंद्र शासित प्रदेश सहित 16 राज्य में केसों की सख्या छत्तीसगढ़ से कम है। छत्तीसगढ़ से कम कन्फर्म केस हैं और अगस्त और सितंबर माह में स्थिति अत्यंत चिंताजनक रही है l छत्तीसगढ़ में रायपुर में सर्वाधिक 20000 से अधिक के उसके बाद दुर्ग राजनांदगांव बिलासपुर 4000 में कन्फर्म केसों की संख्या है l
Active case 2.प्रदेश में अभी 31 हजार से अधिक एक्टिव केस हैं जो पूरे देश में आठवें स्थान पर है l केरल दिल्ली मध्य प्रदेश हरियाणा गुजरात बिहार यहां पर छत्तीसगढ़ से कम एक्टिव के हैं l जिलों की स्थिति में रायपुर में 12500 से अधिक दुर्ग में 3100 से अधिक और बिलासपुर में 2400 से अधिक है l
3.मृत्यु प्रदेश में 518 लोगों की मृत्यु कोरोना से हो गई है पूरे भारतवर्ष में, प्रदेश में मृत्यु की संख्या में 18 नंबर है lरायपुर में सर्वाधिक 239 और दुर्ग में में 50 लोगों की मृत्यु हुई है l
4.यदि कोरोना के टेस्ट के मामले में देखा जाए अभी तक लगभग 760000 लोगों का पूर्ण टेस्ट हुआ है और यह पूरे देश में 20 स्थान पर है! हरियाणा, झारखंड, उड़ीसा,आसाम जम्मू-कश्मीर जैसे देश टेस्ट के मामले में छत्तीसगढ़ से आगे है।
एक्टिव अनुपात प्रदेश में 52.9% अभी लोग एक्टिव हैं और यही एक्टिव अनुपात है जबकि पूरे देश का एक्टिव अनुपात 20% है यह भारतवर्ष में एक्टिव अनुपात के मामले में छत्तीसगढ़ प्रथम स्थान पर है l छत्तीसगढ़ में बिलासपुर 61.09 महासमुंद 61.05 रायपुर61.04 एक्टिव l
recovery rate 6. छत्तीसगढ़ में रिकवरी रेट 46.3% है जो प्रदेश में सबसे आखरी में 35 स्थान है l देश का रिकवरी रेट 77.8% है l यदि प्रदेश में देखा जाए तो सबसे अच्छा नारायणपुर में रिकवरी रेट 80% बेमेतरा में 70% और जशपुर में 68% है।सबसे ख़राब बिलासपुर 36.7 है।
Death rate 7. छत्तीसगढ़ की मृत्यु दर 0.8% है जो पूरे भारत में 15 स्थान पर है अरुणाचल प्रदेश,असम केरल उड़ीसा बिहार तेलंगाना हिमाचल, छत्तीसगढ़ से अच्छी स्थिति में है । बिलासपुर 1.04 महासमुंद 1.03 रायपुर 1.02 सर्वाधिक है।
8.कुल टेस्ट में पॉजिटिव की संख्या. प्रदेश में कुल टेस्ट में 7% लोग पॉजिटिव पाए जा रहे हैं जो देश में 13 स्थान पर हैl
9.अन्य राज्यों में मुआवजा की योजना प्रदेश में जो कोरोना वरियर्स हैं और शासकीय कर्मचारी हैं उनके लिए कोई योजना मुआवजा की नहीं है और ना ही कोरोना से मृत्यु लोगों के लिए अन्य कोरोना योद्धा है सभी को ₹10 लाख मुआवजा मृत्यु की स्थिति में तथा आश्रित को रोजगार है l बिहार में Corona से मरने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए चार लाख उत्तर प्रदेश में 50 लाख का बीमा corona योद्धा के लिए किया गया है।राजस्थान में कोरोना वायरस से किसी भी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु होने पर ₹50 lakh का प्रावधान किया गया है लेकिन प्रदेश में कोई योजना नहीं है।
10.Corona योद्धा में नाराजगी. प्रदेश में कोरोना योद्धा में भारी नाराजगी है जो जूनियर डॉक्टर लगे हैं उनका मार्च 2020 से 5 माह का स्टेफेन नहीं दिया गया स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा पुलिस कर्मी, राजस्व कर्मी, निगम कर्मी, शिक्षा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इन सभी के लिए कोई बीमा की व्यवस्था नहीं की गई है l यही नहीं आंगनबाड़ी को खोल दिया गया है जिससे कभी भी बड़ी घटना घट सकती है l
11. टेस्ट में मनमानी जो कोरोना का परीक्षण किया जा रहा है उसमें भारी मनमानी की जा रही है 5 दिन से लेकर 9 दिन के मध्य टेस्ट की रिपोर्ट अधिकांश जगह दी जा रही है साथ ही जो मरीज है उसको विवश किया जा रहा है कि वह खुद आए और रिपोर्ट ले जाएं रायपुर में कभी कहा जाता है कि कालीबाड़ी से ले जाएं कभी कहा जाता है जिला चिकित्सालय से ले जाएं और कभी जब जिला चिकित्सालय में जाते हैं तो कहा जाता है कि मोबाइल पर भेजा जाएगा 4 दिन के बाद स्थिति गंभीर हो जाती है कि व्यक्ति की स्थिति समझ नहीं पाती इस पर सख्त नियंत्रण की आवश्यकता हैl
12.बेड की कमी।प्रदेश में यह बताया गया कि 20000 से 22 हजार बेड खाली हैं लेकिन यह बेड अनुपातिक रूप से देखें तो जहां आवश्यकता ज्यादा है वहां पर नहीं है आपके द्वारा जो ऑनलाइन बड़ों की व्यवस्था बताई गई है उसमें रायपुर में कुल 5879 bed आपके सॉफ्टवेयर में ऑनलाइन दिखाया जा रहे हैं । रायपुर में अभी 10 हजार से अधिक एक्टिव केस हैं आप सिर्फ 3300 केस की भर्ती बता रहे हैं 2500 खाली बता रहे हैं तो बाकी जो मरीज है वह कहां पर है इसका परीक्षण अनिवार्य है l ऑनलाइन में जो आपने बेड की जानकारी उपलब्ध कराई है वह सिर्फ 10 जिलों की है उसमें दुर्ग और बिलासपुर की जानकारी भी नहीं है जहां सबसे ज्यादा केस हो रहे हैं l अभी सबसे बड़ी विडंबना यह है कि मरीज जोकि गंभीर है एक से दूसरे अस्पताल भटक रहा है और रस्ते में ही उनकी मृत्यु हो जा रही है कम से कम 30% मृत्यु इसी प्रकार हुई है।मरीज को तकलीफ ना हो आपने माना में केंद्र बनाया है लेकिन वहां ब्लड टेस्ट की व्यवस्था नहीं है जिससे वहां के मरीज परेशान हो रहे हैं उस मरीज की सीटी स्कैन और एक्स-रे नहीं हो रहे हैं इसलिए मरीज की गंभीरता पता नहीं चल रही है यही स्थिति लगभग सभी जगह है और इसी कारण मृत्यु दर बढ़ रही हैं l
अस्पतालों में अव्यवस्था
शासकीय अस्पताल कोवित्त सेंटर में भारी अव्यवस्था है डॉक्टर के स्थान पर पैरामेडिकल के ऊपर सारी व्यवस्थाएं की जा रही हैं डॉक्टर रोड पर नहीं जा रहे हैं सफाई कर्मियों की कमी है पानी नहीं मिल रहा है कल कांकेर में पानी के लिए मारामारी मच गई थी पीने के पानी की कमी है बाथरूम की भी कमी है।समय पर दवाई देने की भी व्यवस्था को सुधार करना चाहिए।
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