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शनिवार, 12 सितंबर 2020

जिला मुख्यालय मे भू-माफियाओं का बोलबाला, राजस्व अधिकारियों की चुप्पी समझ से परे




तहकीकात न्यूज  @  वेब डेस्क . बैकुन्ठपुर

 जिला मुख्यालय अंतर्गत आने वाले पटवारी हल्कों में कई कीमती शासकीय जमीन बड़े पैमाने पर एक ही व्यक्ति के नाम पर दर्ज होने के मामले में रायपुर से डायरेक्टर भू-अभिलेख के  द्वारा जांच कराए जाने की बात कही जा रही  है।किन्तु  पूरा मामला उजागर होने के बाद अब तक कोई भी कार्रवाई स्थानीय स्तर पर नहीं हो सकी है जब कि पूर्व में भी शासकीय भूमि निजी नाम पर दर्ज कर बैंकों के माध्यम से लाखों रुपये आहरण कर लिये गए थे जहा मामला प्रकाश में आने पर तहसील स्तर से लेकर अन्य पर कार्यवाही भी हुई थी किन्तु इस  पूरे मामले में अब तक किसी प्रकार की कार्यवाही नही होने पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं, जिसका जबाव जिले में बैठे किसी भी अधिकारी के पास नहीं है, आखिर इन पटवारी हल्कों में शासकीय जमीन एक व्यक्ति के नाम पर कैसे दर्ज हो गया जो आज भी एक पहेली बन कर रह गया हैं जब कि आम नागरिकों के लिए अपनी भूमि के नामांतरण में ही महीनों तहसील के चक्कर लगाने पढ़ जाते हैं ऐसे में तहसील की भूमिका पर भी सवाल उठना लाजमी हैं ।

 विदित हैं  कि, बैकुंठपुर तहसील अंतर्गत  कई पटवारी हल्का क्षेत्रों में स्थित सरकारी भूमि एक ही व्यक्ति के नाम पर दर्ज हो गई। वही कुछ पहुँच वालों के नाम पर भी शासकीय भूमि करीब 10 एकड़ तक दिए जाने की चर्चाएं मुख्यालय में है वही करीब एक दर्जन से ज्यादा जमीन वर्ष 2019-20 में सरकारी से निजी कब्जा में दर्ज हो गया है। चेरवापारा, आनी के अलावा दो सरकारी भूमि बैकुंठपुर के ही भंडार पारा हल्का की भी सामने आई है। इसमें भी जो नाम चेरवापारा की सरकारी भूमि में जिस व्यक्ति का कब्जा दिख रहा है, उसी का नाम भंडार पारा में दिखाई दे रहा है। वहीं आनी के जमीन में तो डिजिटल हस्ताक्षर की कॉपी भी दिखाई दे रही है। चेरवा पारा की सरकारी भूमि क्रमांक 807, 1.2800 हे जो छोटे झाड़ के जंगल के नाम से दर्ज है, यह मामला वर्ष 2019-20 में ही बदल दिया गया, तब तक भी प्रशासन और संबंधित पटवारी को इसकी भनक तक नहीं लगी। चेरवापारा में भूमि संख्या  493, 0.3200 हे. चरनोई भूमि   983,  0.3900 हे. छोटे-झाड़ के जंगल की भूमि,  958, 0.6400 छोटे झाड़ का जंगल, 486,   0.4700 हे.  छोटे-बड़े जंगल, 983,  0.3900 हे. चरनोई, 493,  0.3200 हे. चरनोई, 988, 0.5300 हे. चरनोई, 486, 0.4700 छोटे-बड़े झाड़ के जंगल  के नाम वाली अब निजी कब्जे में दिखाई दे रही है, जबकि 1949-50 के रिकॉर्ड में ये सभी भूमि सरकारी दर्ज थी और यह सभी जमीन  एक ही  व्यक्ति के नाम पर दिखाई दे रही  थी। जिसे अब सुधार कर शासकीय भूमि दर्ज कर दिया गया ।उल्लेखनीय है कि, शहर समेत जिलेभर में जमीन दलाल भी सक्रिय हैं, ऐसे में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।  


पटवारी बोले सुधार हो गया- 

पूरे मामले पर कुछ पटवारियों का कहना है कि, यह गड़बड़ी कैसे हुई, इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन आनलाइन रिकार्ड में अब सुधार हो गया है। संबंधित जमीन सरकारी रिकार्ड में दर्ज हो गई है। दूसरी तरफ पूरे मामले में बड़ा सवाल है कि, आखिर बिना जांच के सुधार कार्य किसके आदेश से और कैसे कराया गया और इस तरह के फर्जीवाड़े मामले में शामिल दोषियों पर क्या कार्रवाई होगी ।


 आवास में नहीं रहते पटवारी  

 तहसील के ज्यादातर पटवारी अपने निवास में ही ज्यादातर काम-काज निपटा रहे हैं, जिसकी वजह से पटवारी कार्यालय से आए दिन नदारत रहते हैं। इस कारण राजस्व कार्य प्रभावित तो हो ही रहा है,वहीं ग्रामीणों को दस्तावेजों समेत कार्यो एवं जानकारियों के लिए भटकना पड़ रहा है, इस वजह से कई लोगों के जरूरी कार्य अटक रहे हैं, वहीं लोगों में जानकारियों का भी अभाव है। कई किसान तो छोटे-मोटे कार्यो के लिए कई बार पटवारी कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं, इसे लेकर गांव के लगभग तीन दर्जन से ज्यादा लोगों ने हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा है और हल्का पटवारी का स्थानांतरण अन्यत्र किए जाने की मांग भी की है। किन्तु शिकायत के बावजूद कोई हल नही निकला यही कारण है कि घर बैठे कार्य करने से अब शासकीय भूमि भी निजी नाम से दर्ज हो जा रहा ।


पूरे मामले को भू-अभिलेख शाखा रायपुर के लिए भेज दिया गया है, लेकिन अभी तक जाँच की जानकारी नहीं आ सकी है।वही संबंधित हल्का पटवारियों से जवाब मांगा गया है रिपोर्ट आने के पश्चात ही कुछ कहना उचित होगा अभी भूमि शासकीय नाम पर दर्ज हैं । -ऋचा सिंह

तहसीलदार बैकुंठपुर जिला कोरिया ।

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