शासकीय लाहिड़ी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शोध प्रविधि पर साप्ताहिक ई- कार्यशाला का उद्घाटन - The Tahkikat News

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मंगलवार, 8 सितंबर 2020

शासकीय लाहिड़ी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शोध प्रविधि पर साप्ताहिक ई- कार्यशाला का उद्घाटन

 


 तहकीकात न्यूज  @ अयुब अंसारी . चिरमिरी

शासकीय लाहिड़ी स्नातकोत्तर महाविद्यालय चिरमिरी के प्राणिशास्त्र विभाग व वाणिज्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होने वाले शोध प्रविधि पर साप्ताहिक ई- कार्यशाला का उद्घाटन 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस के अवसर पर किया गया। उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अखिलेश सिंह रघुवंशी ने  शोध के महत्व को विस्तार से रेखांकित करते हुए बताया कि वर्तमान सरकार द्वारा निर्धारित किये गये कृषि व औद्योगिक विकास के लक्ष्य को हासिल करने हेतु वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है। भारत में शोध व विकास पर किये जाने व्यय का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि आज जहां एक तरफ इजरायल जैसे देश शोध व विकास पर अपनी जीडीपी का लगभग 5 प्रतिशत खर्च कर रहे हैं वहीं भारत में शोध व विकास पर किया जाने वाला व्यय जीडीपी का 1 प्रतिशत से भी कम हैं। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के शिक्षाशास्त्र संकाय के प्रोफेसर नागेंद्र कुमार ने शोध की अवधारणा व प्रकार के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि शोध एक गतिशील अवधारणा है जिसका आधार मानव की जिज्ञासाएं है जिसकी पूर्ति हेतु नित नये-नये प्रयोग किए जा रहे हैं। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ आरती तिवारी ने कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि शैक्षणिक विकास के लिए शोध को नियोजित तरीके से बढ़ावा दिए जाने की जरूरत हैं।

इस कार्यक्रम की संयोजक प्राणिशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ कविता कृष्णमूर्ति द्वारा विषय परिचय के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई। वाणिज्य विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ आशीष कुमार पाण्डेय द्वारा कार्यक्रम के आयोजन सचिव की भूमिका का निर्वहन किया गया।

डिजिटल माध्यम से संचालित होने वाले इस कार्यक्रम में देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के संकाय सदस्यों तथा छात्रों के रूप में लगभग 2000 प्रतिभागियों द्वारा पंजीकरण कराया गया है जबकि उद्घाटन सत्र के दौरान 300 से अधिक प्रतिभागी जुड़े रहे। पूरे आयोजन के दौरान शोध प्रविधि से संबंधित विभिन्न  पहलुओं पर विषय विशेषज्ञों द्वारा अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया जायेगा।

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