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मंगलवार, 1 सितंबर 2020

महाकाल को क्षरण से बचाने सुर्पीम कोर्ट आया सामने ----- कहा अब श्रद्धालु सिर्फ शिवलिंग पर केवल शुद्ध दुध और जल चढ़ा सकेंगे

 


वेब डेस्क @  तहकीकात न्यूज 

मध्य प्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर में अब श्रद्धालु ज्योतिर्लिंग को नहीं रगड़ सकेंगे. वहां पर दूध चढ़ाने की अनुमति भी सीमित मात्रा में और कुछ ही लोगों को मिलेगी. महाकाल मंदिर के ज्योतिर्लिंग को नुकसान से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ये दिशा- निर्देश जारी किए. 


शिवलिंग को नहीं रगड़ पाएंगे श्रद्धालु 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में किसी भी श्रद्धालु को शिवलिंग को रगड़ने की इजाज़त नहीं मिलेगी. श्रद्धालु शिवलिंग पर पंचामृत नहीं चढ़ा सकेंगे. केवल मंदिर में होने वाली परम्परागत पूजा में ही इसकी इजाज़त होगी. शिवलिंग पर दही, घी, शहद चढ़ाने की अनुमति नहीं होगी. का इस्तेमाल इसे नुकसान पहुंचा सकता है

शिवलिंग पर केवल शुद्ध दुध और जल चढ़ा सकेंगे श्रद्धालु
श्रद्धालु ज्योतिर्लिंग पर केवल शुद्ध दूध और जल चढ़ा सकेंगे. यह दोनों भी सीमित मात्रा में ही चढ़ाया जा सकेगा. मन्दिर कमेटी शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए शुद्ध दूध और जल श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराएगी. इसके लिए मंदिर कमेटी तीर्थ कुंड के जल को स्वच्छ करने का काम करेगी. मन्दिर में होने वाली परम्परागत पूजा में केवल शुद्ध पदार्थ ही इस्तेमाल किये जा सकेंगे. 


गर्भगृह की पूजा की 24 घंटे करनी होगी वीडियो रिकॉर्डिंग
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गर्भगृह के अंदर पूजा की 24 घन्टे वीडियो रिकॉर्डिंग सुनिश्चित करनी होगी. इस रिकॉर्डिंग को 6 महीने के लिए सुरक्षित रखा जाएगा. यदि कोई पुजारी या अन्य व्यक्ति इस गाइडलाइंस का उल्लंघन करता पाया जाता है तो प्रबंधन उसके खिलाफ कार्रवाई करेगा. 


CRBI रुड़की की टीम मंदिर के ढांचे का करेगी निरीक्षण 
कोर्ट ने आदेश दिया कि CRBI रुड़की की टीम मंदिर जाकर उसके ढांचे की स्थिरता का आंकलन कर 6 महीने में अपनी रिपोर्ट देगी. इस कार्य पर खर्च होने वाली 41.30 लाख रुपये की राशि का खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी. यह कमेटी मंदिर का दौरा कर 15 दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगी. मामले में अगली सुनवाई अगले साल जनवरी के दूसरे सप्ताह में होगी.


शिवजी की कृपा से आखिरी जजमेंट भी पूरी हुई: जस्टिस अरुण मिश्रा
सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि मंदिर प्रबंध समिति को महाकालश्वर मंदिर के शिवलिंग को संरक्षण करना होगा. फ़ैसला के बाद जस्टिस अरूण मिश्रा ने कहा कि शिवजी की कृपा से उनकी आख़िरी जजमेंट भी पूरी हो गई. जस्टिस मिश्रा दो सितंबर को रिटायर हो रहे हैं

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