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मंगलवार, 1 सितंबर 2020

करें. पितृ श्राद्ध तर्पण ---- मिलेगा मनचाहा वरदान........पूर्वजो की सेवा का पखवाडा, पितृपक्ष शुरू



वेब डेस्क @  तहकीकात न्यूज 

भाद्र शुक्ल पूर्णिमा प्रतिपदा बुधवार से पितृपक्ष शुरू हो रहा है। हालांकि कुछ ज्योतिषाचार्यों ने मंगलवार से ही पितृपक्ष की शुरुआत बताया। वैसे पितरों को तर्पण का कार्य अगले मंगलवार से आरंभ होगा। इसी दिन अगस्त ऋषि को भी अर्घ दिया जाएगा। बुधवार को सुबह 9.42 बजे के बाद प्रतिपदा तिथि हो जाएगी। श्राद्ध, तर्पण व पारवन कर्म में संगम काल से आरंभ होकर कौशतुब काल तक करने का विधान सनातन धर्मशास्त्रीय ग्रंथों में वर्णित है।


बुधवार को प्रतिपदा तिथि इसी अवधि में पड़ रही है, इसलिए प्रतिपद तिथि में पितृ पक्षीय कर्म बुधवार से आरंभ हो जाएगा। हमारे जीवन में देवता एवं पितर दोनों के आशीष के बगैर कोई भी शुभ कार्य संपादित नहीं हो सकता। पितृपक्ष में खरीदारी करने से पितर नाराज हो जाते हैं, यह धारणा गलत है। ज्योतिर्वेद विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. राजनाथ झा के अनुसार पितृपक्ष में कुछ खास तिथियों को खरीदारी करने से पितर प्रसन्न होते हैं।


बुधवार को सुबह 9.42 बजे के बाद प्रतिपदा तिथि हो जाएगी


पितृपक्ष में नियम-संयम से रहते हुए 15 दिनों तक श्रद्धापूर्वक पितृपक्ष में अपने पूर्वजों के निमित उनके देहावसान के तिथि को पिंड दान, नदी में जाकर तर्पण आदि कर्म करना चाहिए। प्राचीन काल से ही पितृ ऋण से उकृण होने के लिए मानव मात्र को जीवन में छह ऋण चुकाना पड़ता है। इसलिए पितृपक्ष में पितृ ऋण से उकृण होने के लिए लोग अपने पितरों की याद में तर्पण करते हैं।


जिससे जीवन में अनेक मुश्किलों व समस्याओं, आनेवाली समस्याओं से मुक्ति के लिए हमारे पूर्वजों पितरों का आशीष प्राप्त होता है और उन्नति मार्ग प्रशस्त होता है। 11 अगस्त से मातृ नवमी और 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा एवं संक्रांति के साथ पितृ पक्ष की समाप्ति होगी। इसलिए समस्त श्राद्ध तर्पण के अधिकारी सनातन धर्मावलंबियों को 15 दिनों तक तर्पण करना चाहिए।



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