तहकीकात
न्यूज @ वेब डेस्क . बैकुन्ठपुर
जिले मे लगातार मेडिकल नशे का ग्राफ बढता जा रहा है, जिसमे सबसे ज्यादा युवा वर्ग नशे की चपेट मे आ रहे है। कुछ वर्षों पहले लगातार मेडिकल नशे के खिलाफ मुहिम चलाई गई थी, इस मुहिम मे तत्कालिन पुलिस अधिक्षक सुरजीत कुमार, तत्कालिन थाना अध्यक्ष विनित दुबे व औषधी निरिक्षण की टीम के द्वारा जिले मे दर्जनों कार्यवाही कर मेडिकल नशे के सौदागरों के नाक मे दम कर रखा था। जिसके बाद सभी नशे के सोदागर भूमिगत हो गए थे। किन्तु एकबार फिर जिले मे मेडिकल नशे का व्यापार बढता जा रहा है। मेडिकल नशे के रुप मे जो युवा इंजेक्शन लगा रहे है, उन्हे एट्स रोग जैसी गंभीर बिमारी होने की आशंका भी रहती है। शासन प्रशासन के द्वारा एट्स के जानकारी एनजिओं के माध्यम से दिलाई जा रही है। जिसके बाद भी युवा वर्ग सजग नही हो सके है। कोरिया जिले के बैकुण्ठपुर जनपद पंचायत के छिंदिया ग्राम मे नशिली इंजेक्शन मिलने का गढ है। इस ग्राम पंचायत के लोग कलेक्टर कोरिया डोमन सिंह से लिखित शिकायत तक किए है। शिकायत के फल स्वरुप कलेक्टर कोरिया ने एक विषेश टीम बना कर छिंदिया मे हमेशा नशिली इंजेक्सन के लिए टीम को सजग किए है। लेकिन परिणाम जिरो ही रहा है। इस नशिली इंजेक्सन के कारोबार को रोकनें मे पुलिस महकमा भी नाकामयाब साबित हो रहा है। पुलिस विभाग को आम आदमियो के द्वारा नशिली दवाओं के बिक्रेताओं की जानकारी भी दी जाती है, लेकिन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आम आदमी(प्राईवेट) के दिए गए सुचना पर हम कार्यवाही नही कर सकते जब तक हमारे विभाग के कर्मचारी हमे सुचना न दे। इससे पहले बिते दो से तीन वर्षों मे लगभग नशिली दवाओं की कार्यवाही मे आमादमी की सुचना पर ही कार्यवाही हुई है, लेकिन अब तो थाना अध्यक्षों से ज्यादा सैनिक व आरक्षक नशिली दवाओं के बिक्रेताओं को पकडनें की जिम्मेदारी सौपी गई है, जो अबतक नाकाम ही साबित हुई है। विभाग से ज्यादा तो कार्यवाही औषधी विभाग आमादमी(मुखबिर) की मदद से कर चुकि है जिसे आम आदमियों ने काफी सराहना भी की है। औषधी विभाग ने अब तक बडी कार्याहियों मे एक जिला मुख्यालय की मेडिकल दुकान को शिल की है, राज्य मे सबसे अधिक 16 कार्टून मेडिकल नशे के उपयोग मे आने वाली स्पासमो प्रोक्सीवन प्लास, आर सी कप, ऐल्प्रेक्स, कोडवीन सहित कई अन्य नाम की नशे पर कार्यवाही की है। इतना ही नहीं जिले मे पुर्व मे तत्कालिन थाना अध्यक्ष विनित दुबे, आर. पी. साहू, शिवेन्द्र राजपुत, विमलेश दुबे, तेज नाथ सिंह, वर्तमान मे चरचा थाना प्रभारी सुब्बल सिंह प्रधान आरक्षकों मे तालीब शेख, नविन साहू, नविन तिवारी, दीपक पाण्डेय सहित कई विभागिय के द्वारा सराहनिय कार्य किया गया था। किन्तु अब जब से पुलिस विभाग के अधिकारियो ने आम आदमी(प्राईवेट मुखबिरों) से सम्पर्क न रख कर विभाग के आरक्षकों व सैनिकों को जिम्मेदारी दी है तब से मेडिकल नशे के सौदागरों मे बढोत्तरी हुई है।
नशिली इंजेक्सन लगाने से बढ रहा खतरा
जिले मे जिस तरह से मेडिकल नशे का प्रचलन चला है जिसमे सबसे अधिक युवा वर्ग के लोग नशिली इंजेक्सन की आगोस मे समाए है तब से इस गंभीर बिमारी बढने की संभावना बढ गई है। जिसकी जानकारी जिले मे शासन के द्वारा चलाए जा रहे एनजीओ से पता चला है। जो पहले डिस्पोजल लेनें की संख्या कम थी, लेकिन विगत दो वर्षों से डिस्पोजल की खपत लगभाग 60 से 70 प्रतिशन बढ गई है। अब इस ओर कलेक्टर कोरिया व औषधी विभाग के अलावा क्या पुलिस विभाग पुर्व की तरह आम मुखबिरो की मदद ले कर पहले की तरह कार्यवाही करती है। मेडिकल नशे के सौदागरों के खिलाफ कर्यवाही के संबंध मे थाना प्रभारी पटना सत्य प्रकाश तिवारी ने बताया की जब से मैं पदस्त हुआ हूं तब से हमारे द्वारा वरिष्ट अधिकारियों के निर्देशन मे लगातार दो माह मे पांच से छः कार्यवाही किया जा चुका है, और आगे भी लगातार कार्यवाही जारी रहेगी।
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