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शुक्रवार, 25 सितंबर 2020

किसानों ने रोड जाम, बाजार रहे बंद, यातायात भी ठप



 तहकीकात न्यूज  @  वेब डेस्क

केंद्र की एनडीए सरकार की तरफ से लोकसभा एवं राज्यसभा में तीन कृषि बिल पास करने के विरोध में 31 किसान जत्थेबंदियों की तरफ से सांझा तौर पर केंद्र सरकार के विरोध में पंजाब बंद की काल पर सभी मुलाजिम जत्थेबंदियों, विद्यार्थी यूनियनों, व्यापारियों एवं दुकानदारों की तरफ से बंद में पूर्ण रूप से समर्थन देने के चलते बंद पूर्ण तौर पर सफल रहा।

माेगा जिले में 8 जगह पर किसान जत्थे बंदियों की तरफ से रोड जाम किए गए और रेलवे ट्रैक भी खाली रहे। रोड जाम करने से बसें एक दिन पहले स्थगित कर दिए गए थे और रेलवे ने भी ट्रेनों को रद्द कर दिया था परंतु रोड जाम होने से शुक्रवार को गुड्स कैरियर भी नहीं चल सके, जिस कारण मोगा में ट्रांसपोर्टरों के आने वाले 100 ट्रक सामान नहीं आ पाये और इतने ही यहां से सामान लोड करके नहीं चल पाने से सभी व्यापारियों के गुड्स लाक होकर रह गए।

वहीं नेस्ले का सामान लेकर जाने वाली गुड्स कैरियर ट्रेन के अलावा मोगा के व्यापारियों के एक दिन में आने वाले 250 नग भी मोगा स्टेशन पर नहीं पहुंच पाए। सड़की आवाजाई बेशक 26 को खुल जाएगी परंतु ट्रेनें कल भी नहीं चल पाएंगी। ऐसे में बड़े व्यापारियों का माल लाक हो कर रह जाएगा।

फिरोजपुर-मोगा-लुधियाना नेशनल हाईवे पर किसानों ने 3 जगह और 1 जगह अकाली दल की ओर से सड़क पर धरना देकर 4 जगह जाम लगाया गया। कांग्रेस विधायक किसानों के धरने में गये, जबकि अकाली दल ने किसानों के गुस्से के डर से अपने ही वर्करों की सहायता से धरने लगाए। किसानों ने अपने धरने में विधायकों को संबोधित नहीं करने दिया।

उनकी दलील थी कि वह अपने आंदोलन को राजनीतिक रंगत नहीं देना चाहते। फिरोजपुर रोड पर किसानों का धरना डगरु फाटकों पर लगाया गया था। इस धरने में मोगा से कांग्रेस के विधायक डाॅ. हरजोत कमल भी अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे। धूप में वह कई घंटे किसानों के साथ धरने पर बैठे रहे परंतु किसानों ने उन्हें बोलने नहीं दिया और वह बिना भाषण दिए वापस लौट गए।

यहां पर फिरोजपुर से आने वाली एक एंबुलेंस फंस गई तो किसान नेताओं ने उठकर एंबुलेंस को निकाल कर आगे जाने दिया। 31 किसान संगठनों के 25 के पंजाब बंद के आह्वान को लेकर शुक्रवार को जिले में पूर्ण बंद रहा और किसानों का आंदोलन शांति से सम्पन्न हो गया।


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