तहकीकात
न्यूज @ वेब डेस्क . बैकुन्ठपुर
देश में किसानों की आवाज विपक्ष की आवाज को अनसुनी करके पूंजीपतियों के दवाब में केंद्र सरकार ने लोकसभा और राजयसभा में तीन किसान विरोधी बिल पास किया है। खासकर राज्यसभा में भाजपा के पास बहुमत नहीं होने के बावजूद असंवैधानिक तरीके से किसान विरोधी बिल पास किया गया जिसको लेकर पूरे देश के किसानों में गुस्सा है। यह कहना है बैकुन्ठपुर के विधायक और संसदिय सचिव अम्बिका सिंह देव का उन्होने कहा कि कां्रगेस किसानों के साथ खड़ी हैं, उनके लिए आज हम पूरे देश में विरोध दिवस मना रहे हैं। आज प्रधानमंत्री मादी जी ने एक बार फिर से मन की बात के माध्यम से जो बात कही हे वो किसानों को गुमराह करने वाली है। इससे किसानों को सिर्फ नुकसान होगा उनकी उपज पर बड़ी-बड़ी कंपनियों का कब्जा हो जाएगा। किसान अपने ही खेत पर मजदूर की तरह हो जाएंगे। सरकार की मंशा किसानों को बड़ी-बड़ी कंपनियों के गुलाम बनाने का प्रतीत होता है। कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा बिल के तहत किसान अपनी फसल को देश के किसी कोने में बेच सकते हैं लेकिन आज भारत के अंदर 86 फीसद किसान एक जिले से दूसरे जिले में अपनी फसल नहीं बेच सकते हैं तो कैसे उम्मीद करेंA एक राज्य का किसान दूसरे राज्य में अपनी फसल बेच पाएगा। यही कारण है कि देश भर के किसान व किसान संगठन किसान विरोधी बिलों का विरोध कर रही है। आम आदमी पार्टी किसानों के हित में इस किसान विरोधी बिल को वापस लेने की केंद्र सरकार से अपील की है और किसानों के लिए लड़ने की बात कही है।
कृषि विधेयक
बिल का सोशन प्लेटफार्म पर विरोध
केंद्र सरकार के कृषि सुधार बिल के विरोध की आग छत्तीसगढ़ तक पहुंच गई है। पंजाब और हरियाणा के बाद अब प्रदेश में भी किसान सड़क पर निकले है। कोरिया जिले में भी किसानों ने विरोध करना शुरू कर दिया है तो वहीं कांग्रेस ने भी वर्चुअल तरीके से अपना विरोध जताया। फेसबुक सहित अन्य माध्यम पर लाइव घर बैठे जहां कांग्रेस नेताओं ने इस पर विरोध जताते हुए केंद्र सरकार से इस किसान विरोधी बिल का विरोध किया। वहीं अलग-अलग गांव में किसान भी विरोध पर उतर आए।
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