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शुक्रवार, 25 सितंबर 2020

7 महीने से डाॅ सिंकरवार कर रहे थे मरिजो की सेवा...एक दिन खुद हो गये बीमार....इलाज के दौरान हुई मौत





डाॅ सिकरवार की कोरोना की पुष्टि विभाग ने अभी नही किया है

तहकीकात न्यूज  @  वेब डेस्क . बैकुन्ठपुर


एक और जहां पूरे प्रदेश में संविदा स्वास्थ्य कर्मी अपने हक एवं अधिकार के लिए खड़े हैं वहीं दूसरी ओर कोरिया जिले में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई । जहां पर विगत 7 महीनों से लगातार कारोना काल  में निरंतर विभाग को अपनी सेवा देने वाले 47 वर्षीय डॉक्टर ने बीती रात बीमार होने के बाद दम तोड दिया। बताया जा रहा है कि 2 दिन पूर्व बुधवार को उनकी तबीयत अचानक बिगडी और उन्हें जिला अस्पताल बैकुंठपुर में लाया गया । जहां उनके शरीर में खून की कम पाई गई । इसके उपरांत उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें बिलासपुर के अपोलो में रिफर कर दिया गया । जहां पहुंचने के उपरांत ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया । डाॅ सिकरवार की कोरोना की पुष्टि या खण्डन विभाग ने अभी नही किया है।



जिले में इस तरह का पहला मामला
कोरिया जिले में इस तरीके का यह पहला मामला है जहां पर किसी भी स्वास्थ्य कर्मी की जान गई हो। गौरतलब हो कि डॉ दीपेंद्र सिंह सिकरवार उम्र 47 वर्ष जोकि मूल रूप से मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के रहने वाले थे एवं विगत 17 वर्षों से अपनी सेवाएं कोरिया जिले के पोड़ी बचरा पीएससी केंद्र में अपनी सेवाए दे रहे थे । इस दौरान उन्हें राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा उनके विशिष्ट कार्य शैली के कारण सम्मानित किया गया । तो डेढ़ माह पूर्व जिला प्रशासन कोरिया द्वारा उन्हें कोरोनावारियर के तौर पर सम्मानित भी किया गया था । 


परिजनो को दी जाये आर्थिक सहायता व नौकरी
बहुत ही दुखद एवं अंतरात्मा को झकझोर देने वाली घटना में डॉ. सिकरवार अपने पीछे अपनी पत्नी एवं अपने दो बच्चों को छोड़ गए। इस दौरान डॉ सिकरवार के परिजनों ने सरकार से उन्हें अविलंब सहायता राशि उपलब्ध कराने की मांग की है एवं उनके पत्नी को तत्काल नौकरी देने की मांग करते हुए केंद्र सरकार से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण बीमा योजना की निर्धारित सहित राशि देने की मांग की है । 




पीएससी केन्द्र में दी गई श्रधांजली
इस दौरान आज बचरा पोड़ी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक शोक सभा का आयोजन किया गया। जिसमें आम लोगों समेत स्वास्थ्य कर्मियों की भारी तादाद मौजूद रहे । डॉ. सिकरवार की अकाल मृत्यु को लेकर जहां एक ओर कोरिया जिले का स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप है वहीं दूसरी ओर आम लोगों में भी डर एवं उनके परिवार के प्रति संवेदना का भाव व्याप्त है । बेहद ही मधुर भाषी एवं अपने कार्यों के प्रति सजग रहने वाले डॉ. सिकरवार को पूरी तहकीकात टीम की ओर से श्रद्धांजलि इससे पूर्व डॉ सिकरवार के शव के अंतिम संस्कार के लिए उनके परिजनों द्वारा उनके गृह ग्राम मध्य प्रदेश के मुरैना जिले ले जाया गया। जहां आज उनका कोरोना वारियर के तौर पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।

मौत से सहमे हुए हैं डाक्टर
भारत में बीते 7 महीने से डॉक्टर कोरोना से लड़ रहे हैं और संक्रमितों की सेवा में दिन-रात जुटे हुए हैं। इस लड़ाई में वे अपने कई साथी खो भी चुके हैं। देश में वायरस काबू होने की जगह तेजी से और लोगों को संक्रमित कर रहा है।   डॉक्टरों का कहना है कि बीते 7 महीने से लगातार काम करते हुए वे थक गए हैं और अस्पताल में कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे हैं। भारत में कोरोनावायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और अब वह दुनिया में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। 





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