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मंगलवार, 15 सितंबर 2020

राष्ट्रीय पोषण माह------30 सितंबर तक घर आंगन में पोषण वाटिका निर्माण के लिए प्रेरित कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता



तहकीकात न्यूज  @  वेब डेस्क . बैकुन्ठपुर

राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान 1 सितंबर से 30 सितंबर तक प्रत्येक दिन अलग-अलग गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। कोरोना संक्रमण के इस दौर में पोषण माह के दौरान रेडियो, टीवी, प्रिंट मीडिया एवं  मोबाइल के माध्यम से एनीमिया, डायरिया, स्वच्छता एवं हाथ धुलाई एवं पौष्टिक आहार से संबंधित संदेश, नारे, जिंगल्स आदि का  प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।  ताकि  जरूरतमंद हितग्राहियों को स्वथ्य और सुपोषित बनाया जा रहा है।

महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज खलखो ने बताया,”सोशल  डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोगों तक सोशल मीडिया के माध्यम से फेसबुक, वाट्सअप व टयूटर से  जानकारियां प्रदान करते हुए प्रचार प्रसार किया जा रहा है। 06 माह से 01 वर्ष तक के बच्चों के घर में परिवारजनों की उपस्थिति में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पोषण आहार खिलाने की आवश्यक सलाह दे रही हैं। साथ ही उन्होंने बताया ,कुपोषित बच्चों को चिन्हित करते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा प्राथमिकता के आधार पर पोषण संबंधी उपयुक्त सलाह दी जा रही है । साथ ही उन्होंने बताया कोविड-19 की वजह से कंटेन्टमेंट जोन को छोड़ कर अन्य क्षेत्रों के आंगनबाड़ी केंद्रों का भी संचालन किया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्राथमिकता के आधार पर घर जाकर हितग्रहियों से मिल रही हैं। “

 जिला महिला एवं बाल विकास विभाग मे कार्यरत श्रीमती छाया मिश्रा ने  बताया ,” पोषण माह में महिलाओं को पोषण का महत्व व विटामिन और मिनिरल्स से शरीर को कुपोषण, एवं एनिमिया से बचाव की जानकारी दी जा रही है। साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रो में नियमित टीकाकरण के दौरान को खाद्य सामाग्रियों का प्रदर्शन भी किया जा रहा है । पोषण माह में बच्चों के अलावा किशोरियों में कुपोषण से बचाव की जानकारी भी दी जा रही है।“

आंगनवाडी कार्यकर्ता श्रीमती सीमा ने बताया,”कुपोषित बच्चों को खिलाए जाने वाले पोषण आहार की जानकारी घर घर जाकर दी जा रही है हमारे द्वारा हितग्राहियों के घर आंगन में पोषण वाटिका निर्माण के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है एवं एनीमिया, डायरिया जैसी बीमारियो को लेकर लोगो को जागरूक करते हुए हम उनसे बचाव के तरीके भी बता रहे हैं ताकि लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग रहे और पोषित छत्तीसगढ का निर्माण हो सके।“

आंगनवाड़ी केंद्रों में मिलती है यह सुविधाएं

छह वर्ष से कम आयु के बच्चों की टीकाकरण,समस्त गर्भवती स्त्रियों के लिए प्रसव पूर्व देखभाल और टीकाकरण, छह वर्ष से कम आयु के बच्चों को अनुपूरक पोषण,गर्भवती और शिशुओं की देखभाल करने वाली स्त्रियों को अनूपूरक पोषण,15 से 45 वर्ष के आयु वर्ग की सभी महिलाओं के लिए पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा, तथा शिशुओं की देखरेख करने वाली माताओं की प्रसवोत्तर देखभाल, नए जन्मे शिशुओं तथा 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों की देखभाल,कुपोषण अथवा बीमारी के गंभीर मामलों को अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों अथवा जिला अस्पतालों एव पोषण पुनर्वास केंद्र नवजात  शिशु गहन देखरेख यूनिट में  भेजना, 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों को अनौपचारिक विद्यालयपूर्व शिक्षा प्रदान करना जैसी सुविधाएं होती है।

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