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@ विकास केसरी . बलरामपुर/रामानुजगंज
जल संसाधन विभाग के करोड़ की बेशकीमती नहर के जमीन पर 4 दर्जन से अधिक लोगों के द्वारा अवैध अतिक्रमण कर लिया गया है जिससे नगर के वार्ड क्रमांक 13,14,15,1,2 में दो तो नहर का अस्तित्व ही समाप्त हो गया है वहीं नहर सिर्फ वाड्रफनगर रोड में पुलिया के दोनों ओर दिखता है। नगर में नहर की बेशकीमती जमीन पर अवैध अतिक्रमण एवं निर्माण तेजी से हो गया वहीं राजस्व विभाग मात्र मूकदर्शक बनकर रह गया वहीं जल संसाधन विभाग भी कागजी खानापूर्ति तक सीमित रहा जिस से लगातार नहर की जमीन पर कब्जा हुआ एवं अब भी हो रहा है अभी भी चाहे तो जल संसाधन विभाग एवं राजस्व विभाग इसे रोक सकता है।
गौरतलब है कि सन 1981 -82 में रामानुजगंज जलाशय(बोहला बांध) का निर्माण नगर से करीब 1 किलोमीटर दूरी पर मितगई रोड में हुआ था जिससे नहर भी निकाला गया था जो नगर के विभिन्न वार्डों से होते हुए जिला जेल के पीछे कन्हर नदी में जाकर मिलता था। यह नहर ढाई दशकों तक ठीक-ठाक स्थिति में रहा वही इस नहर के मरम्मत के नाम पर 1999 से 2005 तक 50 लाख रुपए से अधिक खर्च हुए। परंतु यह खर्च सिर्फ कागजों में होकर रह गया एवं धीरे-धीरे नहर जगह जगह टूट गया वही कई जगह तो जमीन के समतल भी हो गया। सन 2005 के बाद नगर में जमीन के रेट में एकाएक बढ़ोतरी होना शुरू हुई तो भू माफियाओं की नजर नहर की जमीन पर गई एवं धीरे-धीरे नहर की जमीन पर कब्जा करना शुरू किए जब शुरू में एक दो लोगों के द्वारा नहर की जमीन पर कब्जा किया गया तब वार्ड वासियों के द्वारा इसका विरोध किया गया एवं इसकी शिकायत जल संसाधन विभाग एवं राजस्व विभाग से भी की गई थी। परंतु तत्कालिक रूप से दोनों विभाग के द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई जिससे नहर की जमीन पर अतिक्रमण करने वालों का हौसला बुलंद हुआ एवं देखते-देखते अन्य लोग भी नहर की जमीन पर कब्जा करने लगे स्थिति ऐसी हो गई कि नहर की जमीन पर कब्जा करने के लिए होड़ मच गई जिसके बाद कई निर्माण कार्य भी नहर की जमीन पर कर दिए गए वही अभी नहर की जमीन को पाट कर निर्माण कार्य करने की योजना है। अब भी जल संसाधन विभाग एवं राजस्व विभाग चाहे तो नहर की जमीन को बचा सकता है।
नहर का कुछ भाग ही बचा है शेष- नहर की जमीन पर बहुत तेजी से अतिक्रमण एक दशक के अंदर हुआ जिस कारण नहर की जमीन सिर्फ वाड्रफनगर रोड में पेट्रोल पंप के पीछे पुलिया के दोनों और सिर्फ देखने को मिलती है बाकी सभी स्थानों में नहर की जमीन पर कब्जा हो गया है।
शासकीय भवन भी बन गए नहर की जमीन पर-
ऐसा नहीं है कि सिर्फ भू माफियाओं के द्वारा ही सिर्फ नहर की जमीन पर कब्जा किया एवं निर्माण कर कर दिया वरन शासकीय कार्यालय भी नहर की जमीन जिला जेल रोड में बन गए हैं।
नहर के जमीन का बन गया पट्टा-
नगर में राजस्व विभाग के जमीनी अमला के मिलीभगत से शासकीय जमीन पर कब्जा फिर बाद में उसका फर्जी रूप से पट्टा बनाए जाने का खेल लंबे समय से चल रहा है जिसका परिणाम है कि नहर की जमीन का भी कई जगह पर पट्टा बन गया है।
इस संबंध में एसडीएम अभिषेक गुप्ता ने कहा कि इसकी जानकारी जल संसाधन विभाग के द्वारा ली जाएगी यदि नहर की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है तो इसके ऊपर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
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