तहकीकात न्यूज @ वेब डेस्क . रायपुर
रायपुर लोकसभा सांसद सुनील सोनी ने प्रधानमंत्री तथा श्रममंत्री का आभार व्यक्त करते हुए श्रम कानून में किये गये सुधार को क्रांतिकारी कदम बताया है। उन्होंने बताया कि मजदूरों के हित में लोकसभा तथा नई दिल्ली में माननीय श्रम एवं रोजगार मंत्री से मुलाकात कर छत्तीसगढ़ प्रदेष के संबंध में छत्तीसगढ़िया श्रमिकों के हितों में श्रम कानूनों में सुझाव एवं प्रस्ताव दिया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने इसके लिए आदरणीय प्रधानमंत्री तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह ‘‘आत्मनिर्भर भारत‘‘ की ओर बढ़ता हुआ कदम है।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेष के वर्तमान परिदृष्य को ध्यान में रखते हुए श्रम कानून संहिताओं में राष्ट्रव्यापी उद्योगों को जिसमें निजी तथा सार्वजनिक उद्योग शामिल हैं। इस औद्योगिक संबंध संहिता, स्वास्थ्य सुरक्षा संहिता तथा मजदूरी संहिता में केन्द्रीय क्षेत्राधिकारिता में रखे जाने की मांग की गई थी। इसका मुख्य उद्देष्य राष्ट्रीय स्तर पर श्रमिकों को मिलने वाले लाभों एवं श्रम कानूनों के अनुपालन में एकरूपता तथा श्रम कानून संहिताओं के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर के लाभ पूरे देष में श्रमिकों को समान रूप से मिल सके और मजदूर वर्ग भी आत्मनिर्भर बनें।
सांसद श्री सोनी ने कहा कि आजादी के 70 वर्षों के बाद आज देष के किसान साथियों के साथ मजदूर भाईयों को भी न्याय मिला है। इन श्रम कानूनों में सुधार किये जाने से मजदूरों को सुरक्षा कवच के रूप में वेतन सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सुरक्षा प्राप्त हुई है। इसमें 50 से अधिक नये प्रावधान बनाये गये हैं, जिससे प्रत्येक मजदूर को न्यूनतम वेतन प्राप्त होगा तथा समय पर प्राप्त होगा। पुरूष और महिलाओं को समान वेतन मिलेगा। समस्त मजदूरों को नियुक्ति पत्र मिलेगा। समस्त मजदूरों का प्रतिवर्ष मुफ्त मेडिकल चेकअॅप होगा। नौकरी छोड़ने पर राज्य बीमा निगम एवं क्षेत्रीय भविष्य निधि के सदस्यों को तीन माह का आधा वेतन प्राप्त होगा। नौकरी से निकाले जाने पर 15 दिन का वेतन दिया जावेगा। प्रवासी मजदूरों को साल में एकबार प्रवास भत्ता दिया जावेगा। प्रवासी जहॉ कार्य कर रहे हैं, उन्हें वही राषन मिलेगा। निर्माण मजदूरों के सदस्यों को देष में कहीं भी कार्यरत हों, बीओसी निधि से लाभ प्राप्त होगा। ईएसआईसी के सभी दवाखानों में मुफ्त ईलाज किया जावेगा और तो और न्यायालय द्वारा अधिकतम 1 वर्ष के भीतर न्याय प्राप्त होगा।
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