तहकीकात
न्यूज @ वेब डेस्क . बैकुन्ठपुर
शहर में मंगलवार की सुबह जब लोगों की नींद खुली और बाहर का नजारा देखा तो 50 फीट आगे का दृश्य दिखाई नहीं दे रहा था। सर्दियों के मौसम की तरह धुंध में ढंकी बैकुन्ठपुर को देखकर हर कोई आश्चर्य में था। तापमान में उमस और गर्मी के बीच लोगों को दिसम्बर और जनवरी माह की तरह अहसास तो नहीं हुआ। लेकिन मुख्तार अहमद ने बताया कि सितंबर माह में इस तरह की धुंध पहली बार देखने को मिला है।
इस कारण छाया कोहरा
इन सब कारणों के बीच अब हम आपको बता रहे हैं कि आखिर किस वजह से सितम्बर माह के पहले हफ्ते में धुंध दिखाई दी। जमीन से 3 किमी ऊपर 60-80 से लगभग 80 से 100 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रही हवा से कटी बादल में बूंदे, नतीजा सितम्बर महीने में बौछारों वाली बारिश से छाई धुंध । मौसम वैज्ञानिको का कहना है कि धुंध नहीं बारीक पानी की बूँदे हैं ।
क्या बोले जानकार
कृषि विज्ञान केनद्र के प्रमुख आर एस राजपूत ने बताया कि जब जमीन से 3 से 4 किमी ऊपर 80 से 100 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही होती हैं। तो इन हवाओं की वजह से बादल में पानी की बूंदें कटकर महीन बूंदें गिर रही है जो धुंध की तरह दिखाई देती हैं। इस तरह का मौसम नासिक में बारिश के दौरान देखने को मिलता है। यह महीन बारिश अंगूर की खेती के लिए बहुत फायदेमंद रहती है।
जानिए... क्यों नहीं कह सकते इस धुंध को कोहरा
सर्दियों में अमूमन जो कोहरा छाया रहता है उसकी वजह अत्यधिक आपेक्षिक आद्रता (हाई ह्यूमिनिटी) और लो तापमान के कारण बनता है। इससे वायुमंडल में जो वाष्प होती है वह कोहरा में बदल जाती है और इस दौरान हवा की गति भी कम रहती है। लेकिन मंगलवार को जिले में इनमें से कोई भी कारण दिखाई नहीं दिए। बल्कि जमीन पर हवाओं की स्पीड 12 से 15 किमी प्रतिघंटे और 3 किमी ऊपर 80 से 100 किमी प्रतिघंटे रही। इससे बादल की बूंदें कटने की वजह से वे बहुत बारीक हो गई और धुंध में बदल गईं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें