तहकीकात न्यूज @ दिनेश बारी . लखनपुर
गुरु शिष्य की परंपरा भारतीय संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा प्राचीन काल से रहा है , प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में प्रथम गुरु माता पिता ही होते हैं . माता पिता का स्थान सर्वोपरि है जिसे कोई नहीं ले सकता , रंगीन खूबसूरत दुनिया में लाने का श्रेय माता पिता को ही जाता है लेकिन , जीने का असली सलीका हमें शिक्षक ही सिखाते हैं . सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।, इसी तारतम्य मैं, प्रत्येक वर्ष की भांति आज 5 सितंबर को कोरोनावायरस जैसी वैश्विक महामारी के इस विषम समय में सांकेतिक रूप से प्रख्यात शिक्षाविद् पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्म दिवस के अवसर पर शिक्षक दिवस मनाया गया। . शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुख गुरुजनों ने डॉक्टर सर्वपल्ली के छाया चित्र पर पुष्प माला अर्पित कर उनका सम्मान किया .। लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंसिंग नियम का पालन करते हुए स्कूल कॉलेज के छात्र - छात्राओं ने मोबाइल फोन के जरिए अपने अपने गुरुजनों का सम्मान प्रकट करते हुए बधाई प्रेषित किये. गुरुजनों ने भी अपने शिष्य जनों को शुभ आशीष देते हुए उनके प्रति स्नेह प्रकट किया कोरोना के इस भयावह समय में शिक्षक दिवस के अवसर पर होने वाले तमाम कार्यक्रम स्थगित रहे।।
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