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शनिवार, 5 सितंबर 2020

जल संसाधन विभाग के द्वारा बनाया गया छठ घाट रामानुजनगंज वासियों के लिए हो रहा है वरदान साबित

 राम मंदिर घाट एवं शिव मंदिर घाट में भी है घाट की आवश्यकता



तहकीकात न्यूज  @ विकास केसरी . बलरामपुर/रामानुजगंज

महामाया मंदिर समीप कन्हर नदी घाट पर जल संसाधन विभाग के द्वारा बनाया गया छठ घाट नगर वासियों के लिए वरदान साबित हो रहा है जहा राम मंदिर घाट का उपयोग नगरवासी  नहीं कर पा रहे हैं वही प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में  पितृपक्ष में महामाया मंदिर समीप निर्मित छठ घाट का उपयोग कर रहे हैं यह छठ घाट नगर वासियों के लिए बहु उपयोगी साबित हो रहा है।     गौरतलब है कि कन्हर नदी में लंबे समय से छठ घाट की मांग की जाती रही है इस बीच तत्कालीन नगर पंचायत अध्यक्ष रमन अग्रवाल के मांग पर तत्कालिक बलरामपुर रामानुजगंज जिले के कलेक्टर एलेक्स पाल मेनन के द्वारा नगर में छठ घाट की स्वीकृति की गई थी जिसे जल संसाधन विभाग के द्वारा बनवाया गया था। एनीकट बनने के बाद नदी के किनारे स्थित सभी कच्चे पक्के घाट छतिग्रस्त होने के कारण अनुपयोगी हो गये थे  वर्तमान समय में एनीकट के ऊपर से पानी जाने के कारण राम मंदिर घाट में कीचड़ जमा हो जाने से नदी में उतरना या घाट का उपयोग करना मुश्किल काम है पितृपक्ष में तर्पण या अन्य कार्यों के लिए महामाया मंदिर घाट में बना छठ घाट नगर वासियों के लिए वरदान साबित हो रहा है।

राम मंदिर घाट एवं शिव मंदिर घाट में भी है छठ घाट की आवश्यकता-

 कन्हर नदी के बदलते स्वरूप एवं पुराने कच्चे पक्के घाट के अस्तित्व हीन होने के कारण आमजनों को कई अवसरों विशेष कर सूर्योपासना का महापर्व छट के अवसर पर नदी का उपयोग करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है ऐसे में राम मंदिर घाट में एवं शिव मंदिर घाट में भी छठ घाट निर्माण कराये जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है ताकि नगरवासी विभिन्न अवसरों पर  नदी का उपयोग कर सके।


नदी की बढ़ेगी सुंदरता - 

यदि राम मंदिर घाट एवं शिव मंदिर घाट में छठ घाट का निर्माण कर नदी किनारे वृक्षारोपण कर दिया जाता है तो इससे जहा नदी किनारे मिट्टी का कटाव रुकेगा वही नदी की सुंदरता को चार चांद लगेगा और नगरवासी नदी का उपयोग सुगमता से कर सकेंगे।


बनारस के गंगा घाट के समान बन सकता है स्वरूप - 

कन्हर नदी के किनारे स्थित श्री राम मंदिर, महामाया मंदिर, श्री राणी सती मंदिर, श्री कृष्ण मंदिर एवं शिव मंदिर है जो बनारस के गंगा तट पर स्थित मंदिरों के समान है यहां आने वाले लोगों को बनारस के घाट के किनारे खड़े होने की अनुभूति होती हैं जो उनके लिए आकर्षण का केंद्र रहता है नदी किनारे स्थित मंदिरों का जीर्णोद्धार नगर पंचायत अध्यक्ष रमन अग्रवाल के द्वारा कराया गया है वहीं सभी घाटो का सौंदर्यीकरण हो जाए तो इसका आकर्षण और बढ़ेगा।


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