तहकीकात न्यूज @ वेब डेस्क
केंद्र सरकार के 3 अध्यादेश के खिलाफ माटीपुत्रो ने मोर्चा खोल दिया । सोमवार को भारी संख्या में एकत्रित होकर किसानों ने देश भर में सामूहिक रूप से एकत्रित होकर सड़कों पर ट्रैक्टर लेकर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। किसान सुबह 8 बजे से ही ट्रैक्टर लेकर सड़कों पर एकत्रित होने लगे थे। देश के तमाम ईलाको में भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में किसानों ने सुबह से सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान सड़कों पर हजारों की संख्या में ट्रैक्टर ही ट्रैक्टर नजर आए। बता दें कि किसान एवं व्यापारी केंद्र सरकार के इन अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं, किसान पहले कानून के मुताबिक हर व्यापारी केवल मंडी से ही किसान की फसल खरीद सकता था। अब व्यापारी को इस कानून के तहत मंडी के बाहर से फसल खरीदने की छूट मिल जाएगी। अनाज, दालों, खाद्य तेल, प्याज, आलू आदि को जरूरी वस्तु अधिनियम से बाहर करके इसकी स्टाक सीमा समाप्त कर दी गई है। सरकार कांट्रेक्ट फॉर्मिंग को बढ़ावा देने की बात कह रही है।
इस मौके पर गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसान की फसल यदि मंडी की बजाए बाहर खरीदने की छूट मिल जाएगी तो मंडियों में व्यापारियों का होने वाले कंपटीशन खत्म हो जाएगा। फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा। इस कानून से मंडियां खत्म हो जाएगी, वहीं किसानों की फसल मंडीकरण से पूर्व पुराने जमाने की तरह औने-पौने दाम पर बिकेंगी। व्यापारी मनमर्जी तरीके से लूट मचाएंगे। वहीं कुछ खाद्य पदार्थों को जरूरी वस्तु अधिनियम से बाहर करके इनकी स्टॉक सीमा समाप्त कर दी है। बड़े उद्योगपति और पूंजीपति लोग इनका अत्यधिक भंडारण करके इन चीजों की कालाबाजारी करेंगे। जैसे कई वर्षों पहले प्याज में किया गया था। इससे वे लोग देश की जनता का खून निचोड़ेंगे। कॉन्ट्रेक्ट फॉर्मिंग पर कंपनियां खेती करेंगी और किसान मजदूर बनकर रह जाएगा। उसके सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होगी। कॉन्ट्रेक्ट फॉर्मिंग की गाइडलाइन में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य तक का कोई जिक्र नहीं है।
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