साक्षारता केन्द्रों के माध्यम से बनाया खुद को साक्षर
तहकीकात न्यूज @ मनीष सिंह . सुकमा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदेश में चलाए जा रहे शहरी कार्यात्मक साक्षरता कार्यक्रम से लोगों ने डिजिटल दुनिया को जीने की ललक जाग उठी है। पहले जिन्हें स्मार्टफोन्स और कम्प्यूटर चलाने में परेशानी होती थी अब वे भी डिजिटल माध्यमों से रूबरू हो रहे हैं। प्रदेश भर में चल रहे ई-साक्षरता कार्यक्रम से ऐसे लोग भी अब डिजिटल हो रहे हैं जिन्हें आधुनिक डिजिटल उपकरणों का उपयोग करना नहीं आता था।
सुकमा जिले में ई-साक्षरता कार्यक्रम से प्रशिक्षित हुए ई-शिक्षार्थियों ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के इस पहल से अब उन्हें सोशल और डिजिटल दुनिया को भी देखने का मौका मिला। उन्हें वो सारी चीजें सीखने को मिली जिनसे वो अपने रोजमर्रा के जीवन में कई सारे काम तेजी से हो सकती हैं। सुकमा जिले की ई शिक्षार्थियों में से एक श्रीमती अनिता बघेल ने बताया कि उन्होंने ई-शिक्षा केंद्र में आकर कम्प्यूटर की बेसिक जानकारियों के बारे में सीखीं। पहले उन्हें फोन या कंप्यूटर के माध्यम से फोटो या मैसेज भेजना नहीं आता था किन्तु ई साक्षरता की बदौलत अब वो ये सब भी सीख गई हैं। श्रीमती बघेल बताती है कि अब वे कपड़े या समान खरीदने के लिए दुकानों में नहीं जाती बल्कि ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए केवल एक क्लिक से अपनी खरीदारी कर लेती हैं।
ई-शिक्षार्थी कुमारी रिंकी नाग ने बताया कि ई साक्षरता केंद्र जाना उनके जीवन के लिए उद्देश्यपूर्ण सिद्ध हुआ है। अपने स्कूल के दिनों से वह कम्प्यूटर क्लासेस जाना चाहती थी किन्तु आर्थिक परेशानी के कारण कभी जा नहीं सकी। मुख्यमंत्री ई साक्षरता कार्यक्रम के कारण उनकी ये चाहत आज पूरी हो गई। उन्होंने बताया कि ई साक्षरता के माध्यम से उन्होंने टाइपिंग करना, सोशल मीडिया चलाना सीख गई है। अब वे अपने फोन के माध्यम से ही स्वयं रिचार्ज कर लेती हैं, ऑनलाइन शॉपिंग करती हैं। इसके साथ ही अपने दोस्तों से फेसबुक के माध्यम से बातें भी करती हैं।
शअनिता बघेल और कुमारी रिंकी नाग ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि ई-साक्षरता कार्यक्रम के कारण आज वे भी इस तेजी सी भागती मॉडर्न वल्र्ड का हिस्सा बन गई हैं। उन्हें कम्प्यूटर शिक्षा के साथ ही विधिक जानकारी, चुनावी साक्षरता, आत्मरक्षा और समय प्रबंधन जैसी उपयोगी विषयों पर भी जानकारी दी गई। शिक्षा पूर्ण होने के पश्चात् उन्होंने परीक्षा भी दी जिसमें सफल होने पर शिक्षार्थियों को प्रमाण पत्र दिया गया।
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