हाथरस में परिजन करते रहे विरोध पुलिस ने मुतक का कराया जबरन आधी रात अंतिम संस्कार - The Tahkikat News

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मंगलवार, 29 सितंबर 2020

हाथरस में परिजन करते रहे विरोध पुलिस ने मुतक का कराया जबरन आधी रात अंतिम संस्कार

 


वेब डेस्क @  तहकीकात न्यूज 

आधी रात में जब शव गांव पहुंचा तो परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी नहीं थे लेकिन पुलिस ने भारी विरोध के बावजूद पीड़िता का अंतिम संस्कार करा दिया. ग्रामीणों के भारी आक्रोश को देखते हुए इलाके में बड़े पैमाने पर पुलिसबल की तैनाती की गई थी.



 परिजनों और गांवों वालों के भारी विरोध के बीच हाथरस गैंगरेप पीड़िता का मंगलवार देर रात अंतिम संस्कार कर दिया गया. पीड़िता का शव आधी रात को हाथरस पहुंचा, जहां ग्रामीणों ने भारी विरोध किया, लेकिन भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया गया. पीड़िता के पिता और भाई के साथ डीएम और एसपी थे. 



पीड़िता का शव लेकर जब एंबुलेंस जब गांव पहुंची तो लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने लगे. लोग एंबुलेंस के सामने रोड पर लेट गए. कहने लगे कि हमें मार दो लेकिन हम अंतिम संस्कार नहीं करने देंगे. ग्रामीणों की पुलिसकर्मियों से धुक्का-मुक्की भी हुई. विरोध करने वालों में महिला-पुरुष सब शामिल थे.  पुलिस दाह संस्कार के लिए परिजनों को समझाने का प्रयास करती रही. लेकिन परिवार के लोग शव को घर ले जाने के लिए अड़े रहे. परिजन नहीं माने. इसके बाद 2.45 बजे भारी पुलिस तैनाती के बीच पीड़िता का दाह संस्कार कर दिया गया.



ये है पूरा मामला

हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र में बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर की सुबह युवती अपनी मां के साथ खेत में चारा काट रही थी. चारा काटते-काटते वह अपनी मां से थोड़ी दूरी पर जा पहुंची. इसी बीच गांव के ही चार युवक लड़की को उसके दुपट्टे से खींचकर बाजरे के खेत में ले गए. जहां उन चारों ने उसके साथ दरिंदगी को अंजाम दिया. आरोपियों ने लड़की को बुरी तरह पीटा और मरा हुआ समझ कर भाग गए. 



लड़की की मां अपनी बेटी को ढूंढते हुए वहां पहुंचीं तो घटना का पता चला. लड़की को इलाज के लिए अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. 15 दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ने के बाद मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई. 

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