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सोमवार, 28 सितंबर 2020

दिल का जतन,सेहतमंद जिंदगी के लिए जरूरी

 

तहकीकात न्यूज  @  वेब डेस्क . बैकुन्ठपुर

इंसान के शरीर का सबसे महत्वपूर्ण और नाजुक हिस्सा दिल ही होता है, इसलिए इसकी देखभाल करनी चाहिए। हृदय के प्रति जागरूकता और इससे संबंधित समस्याओं से बचाव के उपायों को देखते हुए प्रत्येक वर्ष 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को हृदय रोग की पहचान व इसके समय पर निदान को लेकर जागरूक करना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इस वर्ष की थीम “हृदय रोग को हराने के लिए हृदय का उपयोग करें” रखी गई है । खुद से यह वादा करें कि व्यायाम के माध्यम से तनावमुक्त होकर अपने दिल का ख्याल रखेंगे ,क्योंकि दिल हैं तो दुनिया है।

 सीएमएचओ डॉ रामेश्वर शर्मा ने बताया,” ज्यादातर लोगों मे हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियां  होने की वजह से ही हार्ट अटैक होते है। ह्दय रोग अपने नाजुक दिल की  देखभाल करने से ही सही हो सकते है। अधिकांश मामलों में हृदय रोग का प्रमुख कारण तनाव ही होता है और मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं भी हृदय रोगों को जन्म देती हैं।  विश्व हृदय दिवस, हृदय की सुरक्षा का संकल्प लेने के लिए अच्छा अवसर है।“

उन्होने बताया, दिल की बीमारी किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकती है, इसके लिए कोई निर्धारित उम्र नहीं होती। महिलाओं में हृदय रोग की संभावनाएं ज्यादा होती हैं, बावजूद इसके वे इस बीमारी के जोखिमों को नजरअंदाज कर देती हैं आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में एक दिल ही है, जिस पर सबसे अधिक बोझ पड़ता है। नियमित रुप से संतुलित आहार और व्यायाम को अपनी जीवनचर्या में शामिल करना जरूरी है ।

स्पर्श क्लीनिक के नोडल डां शुभाषीष करन ने बताया,” सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ दिनचर्या की शुरुआत करें जहां तक संभव हो मानसिक तनाव से दूर रहना चाहिए। मस्तिष्क और दिल दो धुरी है हम जैसा सोचते है वैसा ही हमारा दिल पर असर होता है पर पड़ता है कोरोना काल में किसी भी तनाव को मस्तिष्क पर हावी ना होने दें, मस्तिष्क में तनाव उत्पन्न होगा तो उसका प्रभाव सीधा हृदय पर पड़ता है ।“ 

रहे जागरूक,कराये जांच

सेहतमंद जिंदगी के लिए दिल का ख्याल रखना भी बहुत जरूरी है। डॉक्टर्स भी मानते हैं कि, दिल भी हमारा ख्याल तभी रखेगा जब हम दिल का रखेंगे, इसलिए सावधानी जरूरी है। रक्तचाप की जांच कराने से भविष्य में होने वाले हार्टअटैक के खतरे को समय रहते कम किया जा सकता है।अपने नजदीकी शासकीय स्वास्थ्य केंद्र या हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर गैर संचारी रोग (एनसीडी) कार्यक्रम  में 30 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों को वर्ष में कम से कम 2 बार अपने ह्रदय रक्तचाप की जांच करानी चाहिए । यह जांच निशुल्क की जाती है । 

जरूरी है सावधानियां 

प्रतिदिन व्यायाम के लिए भी समय निकालें। धूम्रपान का सेवन बिल्कुल न करें, यह हृदय के साथ ही कई बीमारियों का कारक है। भोजन में नमक और वसा की मात्रा कम कर लें, ताजे फल और सब्जियों को भी प्रमुख आहार में शामिल करें। तनाव अधिक होने पर योगा व ध्यान का सहारा लें। 

स्वस्थ शरीर और दिल के लिए भरपूर नींद लें।

छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे- 4 (2015-16) के आंकड़ों को माने तो महिलाओं में हृदय रोग होने की संभावना पुरुषों से अधिक है, हृदय रोग की व्यापकता दर पुरुषों में 458 प्रति 1 लाख है वहीं महिलाओं में यह दर 582 प्रति 1लाख है। मतलब यह है कि 1 लाख महिलाओं में लगभग 582 महिलायें ह्रदय रोग से पीड़ित होती हैं वहीं 1लाख पुरुषों में 458 पुरुष ह्रदय संबंधी रोगों से पीड़ित होते हैं। इसलिए महिलाओं को ह्रदय संबंधी रोगों से बचने के लिए विशेष सावधानियाँ बरतनी चाहिए।



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