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गुरुवार, 3 सितंबर 2020

पैसे के अभाव में जीवन रक्षक इंजेक्शन के लिए अस्पतालों के चक्कर काटती रही महिला को मिला देव दूतों का साथ




तहकीकात न्यूज  @  वेब डेस्क . बैकुन्ठपुर


ए-नेगेटिव ब्लड ग्रुप वाली गर्भवती महिला पैसे ना होने के अभाव में जीवन रक्षक इंजेक्शन लगवाने के लिए दर-दर भटकने को विवश रही । इस दौरान 15 दिन भटकने के उपरांत उसे जन प्रतिनिधियो ने मदद करते हुए उसके इंजेक्शन लगवाने का प्रबंध किया । बड़ी अजीब विडंबना है जहां एक ओर केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही जरूरतमंदों के ईलाज के दावे करता है वहीं दूसरी ओर एक गर्भवती महिला को ईलाज के लिए कई शहरों के चक्कर काटने के बावजूद भी पैसे के अभाव के कारण सरकारी अस्पतालों में उसे मयूसी ही हाथ लगी। महिला ने बताया कि उसका ब्लड ग्रुप ए नेगेटिव है और उसे उसके गर्भ में पल रहे बच्चे एवं उसकी सुरक्षा के लिए इंजेक्शन लगवाने की जानकारी सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों के द्वारा दी गई। किंतु चिरमिरी मनेंद्रगढ़ और उसके उपरांत जिला अस्पताल बैकुण्ठपुर में आई जहां पर उसके पास राशन कार्ड एवं स्मार्ट कार्ड ना होने की वजह से उसे कोई भी प्रकार की सुविधाएं नही मिल पाई। इस दौरान उसने थोड़े पैसे रखे थे वो भी बैकुण्ठपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में जाकर अपनी सोनोग्राफी कराने में खत्म हो गये। इसके बाद वह विगत 15 दिन से इंजेक्शन लगवाने के लिए कई अस्पतालों के चक्कर काट चुकी किंतु इस दौरान उसकी मदद के लिए कोई भी सामने नही आया। इस दौरान जब हमने बैकुंठपुर जिला अस्पताल के अस्पताल अधीक्षक डॉ सुनील गुप्ता से बात की तो उन्होंने कहा कि इस इंजेक्शन की सप्लाई सरकारी अस्पतालों में नहीं की जाती । इसलिए मैं इस संबंध में कोई मदद नहीं कर सकता ।



 वही जब महिला भटकते भटकते हमारे पास पहुंची तो हमने इस बात की जानकारी चिरमिरी कांग्रेश के ब्लॉक अध्यक्ष सुभाष कश्यप को दी तो वे सहर्ष मदद को तैयार हो गए दूसरी ओर बैकुन्ठपुर वन परीक्षेत्र के रेंजर अखिलेश मिश्रा वार्ड पार्षद सुनिल ने भी महिला की मदद की । मदद के लिए देवदूतो के बडे हाथ के बाद महिला को आज जीवन रक्षक इंजेक्शन लगवाने में कामयाबी मिल पाई । इस दौरान महिला ने सभी को अपना धन्यवाद देते हुए कहां कि इस दुनिया में जहां मेरी मदद के लिए अपने लोग सामने नहीं आये। वहीं पर अनजानो ने सामने आकर जिस तरीके से मेरी मदद की मैं अपनी पूरी जिंदगी लोगों की मदद के लिए आभारी रहूंगी । गौरतलब हो कि महिला मध्य प्रदेश की रीवा की रहने वाली बताई जा रही है जो कि लॉकडाउन के दौरान चिरमिरी में फंस गई इस दौरान महिला के गर्भवती होने के दौरान उसका ईलाज चिरमिरी के अस्पताल में किया जा रहा था किंतु दवा की सरकारी उपलब्धता ना होने के कारण कोई भी डॉक्टर उसकी मदद करने में अपने आप को असमर्थ पा रहा था।


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