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बुधवार, 2 सितंबर 2020

7 सूत्रीय मांगो को लेकर सांसद प्रतिनिधि ने सौपा कलेक्टर कोरिया को लिखा खत

 


तहकीकात न्यूज  @ अयुब अंसारी . चिरमिरी

चिरमिरी क्षेत्र के रहवासियों के समस्याओं के संबंध में सांसद प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी ने कलेक्टर कोरिया को लिखा सांसद प्रतिनिधि नगर पालिक निगम चिरमिरी क्षेत्र व सदस्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी छत्तीसगढ़  प्रकाश तिवारी ने एसईसीएल चिरमिरी क्षेत्र के    रहवासियों की भूमि व भवन संबंधी समस्याओं पर आवश्यक कार्रवाई कर निर्णय लेने हेतु कलेक्टर कोरिया को 7 सूत्री; मांग व सुझाव पत्र लिखकर जनता के समस्याओं के निदान के लिए त्वरित कदम उठाने का आग्रह किया है।  कलेक्टर कोरिया को लिखे पत्र में प्रकाश तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया है कि चिरमिरी नगर पालिक निगम क्षेत्र में एसईसीएल को कोयला उत्पादन  व बसाहट हेतु अधिकांश भूमि लीज पर सरकार द्वारा दी गई है बहुत कम क्षेत्र ही लगभग 10% में राजस्व एवं वन भूमि है वर्तमान में एसईसीएल की अधिकांश खदानें कम कार्यक्षेत्र उपलब्ध होने के चलते बंद होने के कगार पर पहुंच रही हैं या बंद हो चुकी हैं पहले जहां एसईसीएल कर्मचारियों की संख्या 18 हजार के लगभग थी जो वर्तमान में लगभग 4 हजार के आसपास पहुंच रही है वहीं वर्तमान में क्षेत्र की आबादी भी निरंतर गिरने की ओर अग्रसर है।  कोयला खदानों के चलते इस क्षेत्र में विभिन्न प्रांतों के लोग रोजी-रोटी की खोज में आकर बहुत पहले से यहाँ बस गए , जिसमें से अधिकांश कर रहवास या आवास एसईसीएल के द्वारा निर्मित आवास ही बने हुए।  लेकिन निरंतर  घाटे में चल रहे चिरमिरी क्षेत्र के द्वारा इन क्वार्टरों की मरम्मत व मुफ्त बिजली पानी की सुविधा प्रभावित होते नजर आ रही है।



जिसको देखते हुए एसईसीएल की लीज से उसके लिए अनुपयोगी जमीन को वापस अधिग्रहण किया जाए  , एसईसीएल के द्वारा निर्मित आवासी एवं अन्य अनुपयोगी भवन का भी अधिग्रहण किया जाए तदुपरांत इन अधिग्रहित भूमि भवनों को संवैधानिक एवं विधि सम्मत नियम के तहत निगम को हस्तांतरित करने की कार्रवाई की जाए , क्योंकि निगम आम जनों से संपत्ति कर समेतिक कर जल कर ले रहा है इसलिए अधिग्रहित की गई भूमि व भवनों को उसमें काबिज लोगों को लीज में दे कर सरकार निगम के राजस्व में वृद्धि करने का मार्ग प्रशस्त कर सकती है   । साथ ही सरकार द्वारा अधिग्रहित की गई भूमि व भवन को उन पर काबीज एवं अन्य लोगों से शुल्क लेकर लीज पर देने से क्षेत्र को स्थायित्व मिलेगा व पलायन रुकेगा। इससे राज्य सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति होगी वही साथ ही साथ जर्जर हो चुके मकानों से होने वाली दुर्घटना से भी बचाव होगा  ।

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