तहकीकात
न्यूज @ वेब डेस्क . बैकुन्ठपुर
54 मजदूरों को झारखंड के गढ़वा जिले से हैदराबाद लेकर जा रहे बस संचालक की मनमानी के कारण इन्हें जबरदस्ती बैकुंठपुर में उतार दिया गया और इसके बाद मजदूर दिन भर भूखे प्यासे दर दर भटकते रहे । इस दौरान जब शाम में हमें इस बात की जानकारी मिली तो हमने मजदूरों के मैनेजर जाकि गढ़वा जिले का ही बताया जा रहा है से बात की तो इस दौरान मैनेजर अफरोज खान ने बताया कि बस वाले पैसे के लेनदेन को लेकर मजदूरों को बैकुण्ठपुर में छोड़ दिया है। इस दौरान जब हमने हस्तक्षेप किया तो उसने तत्काल ही बस का प्रबंध अम्बिकापुर से कराया और आधी रात गए बैकुण्ठपुर से 54 मजदूर हैदराबाद अपने गंतव्य के लिए रवाना हो सके । इस दौरान मजदूरों ने बताया कि वह गढ़वा के तिलदार से नेहा बस जोकि चिरमिरी का बताया जा रहा है में सवार होकर हैदराबाद के लिए निकले थे। इस दौरान उन्होंने बताया कि ढाई लाख में 54 लोगों को गढ़वा से हैदराबाद जाने की बात ठेकेदार द्वारा हुई जबकि बस संचालक ने उन्हें बैकुण्ठपुर में ही लेनदेन के कारण छोड़ दिया। वही मजदूरों का कहना था कि इसमें हमारी क्या गलती है बस संचालक ने मैंनेजर से बात किया और पैसे हमने पैसा इकट्ठा कर मैनेजर को दे दिया । इस दौरान मजदूरों में हीरानंद विश्वकर्मा सुरेंद्र महतो जितेंद्र चैधरी राजेश्वर महतो मनोज महतो सुजीत महतो सोमलाल महत्व आदि मजदूर शामिल थे उन्होंने बताया कि वह हैदराबाद के लाइटिंग निर्माण कंपनी में काम करते हैं और सभी मजदूर गढ़वा जिले के रहने वाले बताए गए।
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