तहकीकात न्यूज @ वेब डेस्क
झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है. अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है. जीडीपी का दर लगभग माइनस 24 प्रतिशत हो गया है. इसके लिए पूरी तरह से केंद्र सरकार जिम्मेवार है. केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से आज यह स्थिति उत्पन्न हुई है. आर्थिक मंदी का सबसे ज्यादा प्रभाव झारखंड जैसे छोटे राज्यों पर पड़ा है. झारखंड में पिछले दो वर्षों के दौरान 18 हजार करोड़ का जीएसटी घोटाला हुआ है. इस बात का उल्लेख रिपोर्ट में किया गया है. झारखंड का केंद्र सरकार पर अप्रैल से जुलाई तक जीएसटी का 2481 हजार करोड़ रुपये बकाया है.
इसी प्रकार कोल और सेल पर 65 हजार करोड़ रुपये बकाया है. केंद्र सरकार अविलंब झारखंड के बकाये का भुगतान करे. केंद्र सरकार की ओर से 2017 में कहा गया था कि जीएसटी की भरपाई अगले पांच वर्षों तक की जायेगी. अब जीएसटी काउंसिल की बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री दैवी प्रकोप बता कर बकाया भुगतान करने में आनाकानी कर रही हैं. यह झारखंड के हक का पैसा है. हम भीख नहीं मांग रहे हैं. पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री भट्टाचार्य ने कहा कि एक तरफ देश का जीडीपी माइनस में जा रहा है, दूसरी तरफ रिलायंस इंडस्ट्री का ग्रोथ बढ़ कर 35 प्रतिशत हो गया है.
यह कैसे हो रहा है. केंद्र सरकार पिछले आठ माह से झारखंड की अनदेखी कर रही है. माल हमारा और खेल तुम्हारा अब नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में रघुवर सरकार ने शराब को सेंट्रलाइज कर लगभग 1000 करोड़ रुपये का घाटा पहुंचाने का काम किया. इस दौरान लगभग 50 हजार करोड़ रुपये की अवैध शराब का धंधा हुआ.
संविधान व संघीय ढांचा का हो रहा है अपमान - भाजपा : रांची. भाजपा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के उस बयान पर निशाना साधा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि झारखंड के पैसे-संसाधन से केंद्र सरकार अपना जेब भर रही है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान भीम राव अम्बेडकर द्वारा बनाये गये संविधान का अपमान है. संघीय ढांचा के ऊपर कुठारघात है. मुख्यमंत्री ने एकात्मता पर प्रश्न चिह्न खड़ा किया है. यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण है. श्री प्रकाश ने कहा कि एक राज्य से देश नहीं चलता है. देश के सभी राज्य एक दूसरे के पूरक हैं. मुख्यमंत्री अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए केंद्र सरकार पर दोष लगा रहे हैं.
केंद्र सरकार द्वारा भेजे गये अनाज सरकार जरूरतमंदों तक नहीं पहुंचा पा रही है. आज किसी भी अस्पताल में उचित व्यवस्था नहीं है, निजी अस्पतालों में लूट मची है. उन्होंने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में खनिज संपदा की चोरी हो रही है. खनिज संपदा की तस्करी के कारण राज्य के राजस्व में कमी आ रही है. इसे रोकने में सरकार नाकाम हो रही है. खुद सत्ताधारी दल के विधायक आरोप लगा रहे हैं कि खनिज संपदा की चोरी हो रही है. सरकार पहले अपने चेहरे को आईने में देखे. सरकार अपनी विफलताओं को केंद्र सरकार पर मढ़ने के बजाय विकास कार्य में लगे, तो राज्य और जनता के लिए बेहतर होगा.
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