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शुक्रवार, 28 अगस्त 2020

कोरोना के बाद जानवरो में लाईलाज महामारी से पशुपालक परेशान



तहकीकात न्यूज  @  वेब डेस्क . बैकुन्ठपुर

 जिले के पशुपालकों में इस समय पशुओं में एक वायरल डिजीज को लेकर परेशानी बढ़ गई है। इस रोग के कारण पशु खाना नहीं खा रहे हैं। साथ ही उन्हें उठने-बैठने में काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं पशुचिकित्सकों द्वारा लिखी दवाई का भी कोई असर मवेशियों पर नहीं है। इससे पशुपालकों कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है, वे इस वायरल डिजीज के उपचार के लिए कहां जाए। ज्ञात हो कि बैकुन्ठपुर में समेत पुरे जिले में पिछले कुछ दिनों से लगभग सैंकडो मवेशियों के दाएं पैर में सूजन आने की शिकायत आई है। जबकि एकाएक आई इस सूजन की वजह का पता लगाने के लिए पशुधन विभाग के द्धारा आज तक किसी भी प्रकार की  जांच के सैंपल लेने की जहमत नही उठाई है। वहीं कुछ विभागीय पशु डॉक्टरों का कहना है जिस प्रकार से मवेशियों में लक्षण दिख रहे, उससे उक्त बीमारी का नाम लंफी स्किन डिजीज हो सकता है। जबकि इसकी कोई दवा उपलब्ध नहीं है।


वायरल से संक्रमण फैल रहा

पशुपालको का कहना है कि इस बीमारी में पशुओं के पैर में सूजन आ गया है। इसके कारण वह खाना बंद कर दिए है। उठने व चलने में भी उन्हें काफी दिक्कतें हैं। यह बीमारी गाय, बैल-बछड़े के दाहिने पैर में एकाएक तेजी से फैल गई है। वहीं महामारी का रूप ले चुकी इस बीमारी का नाम पशुपालको को तो पता नहीं है। स्थानीय पशु चिकित्सकों का कहना है यह एक प्रकार का वायरल डिजीज है।


संक्रमित जानवरों को अलग रखें


पश्ुापालको को सलाह दी है कि इस संक्रामक रोग से बचाने के लिए पशुओं को पीड़ित पशुओं से अलग स्थान पर बांधें। जिस प्रकार से लक्षण दिख रहे हैं, उससे यह तेजी से फैलने वाला एक संक्रामक रोग हो सकता है। इस बीमारी में पशु का खाना बंद नहीं होता, लेकिन कम हो जाता है। संक्रमित जानवरों के पूरे शरीर में दाना-दाना निकल आता है। पैर में सूजन की शिकायत आती है।



पडोसी राज्यों में पहले से मौजूद है बीमारी

पैर में सूजन की शिकायत छत्तीसगढ में पहली बार सामने आया है, लेकिन पडोसी राज्य उडीसा, झारखंड से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में यह बीमारी तेजी से फैलने की शिकायत मिल चुकी है। जबकि झारखंड में यह बीमारी महामारी का रूप ले चुकी है। इसलिए उक्त बीमारी की चपेट में आने वाले जानवरों के शरीर के उस हिस्से को नीम के पत्ते से धोएं । जहां दाना निकल आया है। सूजन वाली जगह में भी यह उपचार कारगर है। तुरंत पशुपालक पशु औषधालय आकर डॉक्टरी सलाह भी ले सकते हैं।


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